
दिल्ली में तमाम जगहों पर शराब के ठेके को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच एक नया खुलासा हुआ है. स्वराज अभियान संगठन से जुड़े एक कार्यकर्ता ने आरटीआई लगाकर दिल्ली सरकार से शराब नीति से जुड़े कुछ सवाल पूछे थे, जब जवाब आए तो हैरान करने वाले थे. इन्हीं जवाबों को लेकर स्वराज अभियान ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और दिल्ली सरकार को जमकर घेरा.
स्वराज अभियान के आरटीआई सेल के कार्यकर्ताओं मुकेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार से पूछे थे यह सवाल-
1) दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले कितनी शराब की दुकानें थी?
2) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक दिल्ली में कितनी शराब की नई दुकानों को लाइसेंस जारी किया गया?
3) शराब से रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए दिल्ली सरकार ने कितने रुपये का विज्ञापन जारी किया?
4) अरविंद केजरीवाल के शपथ लेने से पहले दिल्ली सरकार को शराब ठेकों के लाइसेंस के द्वारा कितनी आय होती थी, वहीं शपथ लेने के बाद शराब के ठेकों के लाइसेंस से कितनी आय हुई?
5) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधानसभा में, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की विधानसभा में और विधानसभा के विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की विधानसभा में कितनी शराब की नई दुकान खोली गईं?
ये जवाब आए
1) आप सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान दिल्ली में शराब के ठेकों की कुल संख्या 595 थी.
2) आप सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान शराब के ठेकों से प्राप्त आय 8 अरब 30 करोड़ 48 लाख 13 हजार के करीब.
3) आम आदमी पार्टी सरकार के दूसरे कार्यकाल (14 फरवरी 2015) में शराब के ठेकों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. महज लगभग सवा साल (14 फरवरी 2015 से लेकर 4 जून 2016) के अंदर दिल्ली में 58 नई शराब के ठेकों के लाईसेंस दिए गए (सरकारी के आबकारी नीति के अनुसार स्थानीय विधायक की इजाजत के बिना कोई भी ठेका नहीं खुल सकता).
4) महज सवा साल में सिर्फ एल-6, एल-7 और एल-10 के ठेकों से ही सरकार ने शराब की खपत में बढ़ोतरी से 15 अरब से ज्यादा की कमाई कर ली.
5) दिल्ली सरकार के मध निषेध विभाग ने शराब से दूर रहने के विज्ञापनों पर सिर्फ 7.76 (लाख) रुपये खर्च किए.
वहीं आखिरी सवाल जिस में विधानसभा वार जानकारी मांगी गई थी उसका कोई भी जवाब नहीं आया.
यह सभी बातें स्वराज अभियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रखीं. साथ ही अरविंद केजरीवाल की शराब नीति पर जमकर हमला बोला. स्वराज अभियान ने साफ किया कि अरविंद केजरीवाल नशा मुक्त पंजाब बाद में बनाएं पहले नशा मुक्त दिल्ली बनाएं.
याद दिलाया AAP का चुनाव के दौरान लाया गया मेनिफेस्टो
स्वराज अभियान ने आम आदमी पार्टी का मेनिफेस्टो भी पत्रकारों को दिखाया. अभियान के प्रवक्ता अनुपम ने बताया कि किस तरह से संख्या नंबर 61 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से यह वादा किया था कि दिल्ली को नशा मुक्त बनाएंगे. एक दूसरे पॉइंट का जिक्र करते हुए यह बताया गया कि किस तरह से शराब की दुकान खोलने से पहले जनता की राय लेने की बात कही गई थी.