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स्वाति मालीवाल बोलीं- हौसला बुलंद है, जारी रहेगा अनशन

आम आदमी पार्टी की नेता ने कहा कि पुलिसकर्मियों की संख्या कम है, उनकी जवाबदेही भी तय नहीं है. रेप के मामलों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट कब तक और कितने बनेंगे, केंद्र सरकार को इसे साफ करना चाहिए. केंद्र सरकार जब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाती तब तक मेरा अनशन जारी रहेगा.

स्वाति मालीवाल स्वाति मालीवाल
पंकज जैन/वरुण शैलेश/राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

उन्नाव और कठुआ में हुई रेप की घटनाओं के मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनशन शनिवार को 9वें दिन भी जारी रहा. POCSO एक्ट में संशोधन पर मालीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहला कदम उठाया है. अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि एक अध्यादेश को मंजूरी मिली है, जो बलात्कारियों को 6 महीने में फांसी देने की बात कहता है.

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मालीवाल ने कहा, मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं, ये आपकी मेहनत जज़्बे और तपस्या का नतीजा है. सुबह प्रधानमंत्री को खत लिखा था कि कानून सैंकड़ों हैं, लेकिन उन्हें लागू कैसे किया जाए ये बड़ी बात है. फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बढ़ेंगे तो अच्छा होगा.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस के संसाधन और जवाबदेही नहीं बढ़ाए गए तो रेप नहीं रुक सकते. दिल्ली में 10 साल से 66 हजार पुलिसकर्मियों की कमी है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, पुलिस सिर्फ वीआईपी ड्यूटी कर पाती है, गली नुक्कड़ से पुलिस गायब है.

उन्होंने कहा, जब तक अध्यादेश नहीं आता और पुलिस के संसाधन बढ़ाने का प्लान केंद्र सरकार नहीं लाती, तब तक अनशन ख़त्म नहीं होगा. पीएम मोदी से अपील है, हमारी मांग मानें ताकि देश की बेटियां सुरक्षित रहें

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मालीवाल ने कहा कि बहुत लोग अनशन ख़त्म करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन जब यहां बैठती हूं तो देश के दूर दूर से लोग आकर मेरे पास रोते हैं. जब तक कुछ ठोस नहीं होगा तब तक नहीं उठूंगी.

इससे पहले स्वाति ने कहा, हमारी 4 मांगें हैं, उनमें से एक मांग फांसी की है. अगर ऐसा होता है तो आंदोलन की जीत मानूंगी. इस देश में सैकड़ों कानून हैं लेकिन उन्हें लागू करने के लिए जरूरी संसाधनों का अभाव है. ऐसे में इन कानूनों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है.

आम आदमी पार्टी की नेता ने कहा कि पुलिसकर्मियों की संख्या कम है, उनकी जवाबदेही भी तय नहीं है. रेप के मामलों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट कब तक और कितने बनेंगे, केंद्र सरकार को इसे साफ करना चाहिए. केंद्र सरकार जब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाती तब तक मेरा अनशन जारी रहेगा.

स्वाति बोलीं, आज अनशन का 9वां दिन है. मेरा 7 किलो वजन कम हुआ है, शरीर मे कमजोरी है, लेकिन हौसला बुलंद है. एक बात मैं कहना चाहती हूं कि महिलाओं के मामलों को तेजी से निपटाने का ढांचा तैयार किया जाए.

उन्होंने कहा कि बहुत कम ऐसे आंदोलन होते हैं जो कम समय में कानून बनवा लेते हैं, इसे मैं जीत मानती हूं. लेकिन यहां देशभर से आने वाले लोगों के साथ धोखा नहीं कर सकती हूं. मुझे पता है कि इस कानून से जमीन पर और कोई बदलाव नहीं होगा.

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वहीं शनिवार को स्वाति मालीवाल के अनशन का समर्थन करने पूर्व जेएनयू वाइस प्रेजिडेंट शहला राशिद पहुंचीं. साथ ही पंजाब से आम आदमी पार्टी के करीब 7 विधायक भी मंच पर मौजूद हैं. इसके अलावा पोस्टर कैंपेन से चर्चा में आईं गुरमेहर कौर भी मंच पर स्वाति का समर्थन कर रही हैं.

क्या हैं स्वाति मालीवाल की मांगें

1. बच्चों के बलात्कारी को 6 महीने में फांसी की सजा

2. 66 हजार दिल्ली पुलिस कर्मियों की भर्ती

3. निर्भया फंड का समुचित प्रयोग

4. फास्ट ट्रैक कोर्ट  

5. आधुनिक फॉरेंसिक लैब

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