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सतलुज यमुना लिंक नहर यानी SYL मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री को निर्देश देते हुए कहा कि वो आपस मे मीटिंग करके यह बताएं कि क्या वो इस समस्या का हल निकाल सकते हैं या नहीं. इस मामले में अगली सुनवाई अगस्त के तीसरे हफ्ते में होगी.
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इससे पहले इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस समस्या का समाधान निकलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार महीने का समय दिया था. केंद्र सरकार की तरफ से अब कहा गया कि इस मामले में उन्हें आपसी बातचीत से समाधान निकालने के लिए 3 महीनों का वक्त चाहिए.
हरियाणा सरकार ने कहा- होनी चाहिए टाइमलाइन
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि हम दोनों राज्य सरकारों (हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार) के संपर्क में हैं और बातचीत चल रही है. कोर्ट ने कहा कि आप तीन नहीं चार महीनों का समय लीजिए. वहीं हरियाणा सरकार ने कहा कि इस मामले में एक टाइम लाइन होनी चाहिए. ऐसा न हो ये मामला अनंत काल तक चलता रहे.
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साल 2018 में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर पर पंजाब के साथ जारी मतभेद के मामले की जल्दी सुनवाई करे. इस मामले का उल्लेख पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष किया गया. 11 जुलाई 2018 को कोर्ट ने कहा था कि एसवाईएल नहर पर उसके फैसले का सम्मान करना और उसे लागू करना पंजाब और हरियाणा के लिए अनिवार्य है.