
राजनीतिक बयानबाजी कितनी भी कर ली जाए लेकिन मध्यकालीन युग में मुस्लिम शासकों के बनाए स्मारकों की लोकप्रियता पर नाम मात्र का भी असर नहीं दिखता. भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से उपलब्ध राजस्व आंकड़ों के मुताबिक मुगल काल में बने स्मारकों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक है.
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ महेश शर्मा की ओर से लोकसभा में पिछले साल के आंकड़ों की जानकारी दी गई थी. स्मारकों को देखने के लिए आने वाले सैलानियों से टिकट बिक्री के जरिए प्राप्त हुए राजस्व के आधार पर ताजमहल सबसे ज्यादा कमाई करने वाला स्मारक रहा.
2014-15 के आंकड़ों के मुताबिक ताजमहल ने इस वर्ष 21.23 करोड़ रुपए टिकट बिक्री से कमाए. दूसरे नंबर पर 10.58 करोड़ रुपए के साथ आगरा किला, दिल्ली के लाल किला ने 5.97 करोड़, हुमायूं के मकबरे ने 6.35 करोड़ और कुतुब मीनार ने 10.29 करोड़ का राजस्व एकत्र किया.
इंडिया टुडे टीवी के पास उपलब्ध ब्यौरे के मुताबिक मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की इन स्मारकों के जीर्णोद्धार और रखरखाव की नीति को जारी रखा है. आंकड़े बताते हैं कि एनडीए के सत्ता में आने के बाद भी इन स्मारकों पर उतना ही पैसा खर्च किया जा रहा है जितना यूपीए के शासन में किया जाता था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के आगरा सर्किल को जहां ताजमहल स्थित है, 2013-14 में 957.97 करोड़, 2014-15 में 1404.99 करोड़, 2015-16 में 1270 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.
इसी तरह लखनऊ सर्किल, जहां अवध के अमीर नवाबों के बनाए कई स्मारक हैं, को 2013-14 में 944.99 करोड़, 2014-15 में 945.08 करोड़ और 2015-16 में 1176.73 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. दिल्ली सर्किल को 2013-14 में 1300.19 करोड़, 2014-15 में 1499.75 करोड़ और 2015-16 में 1176.73 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.
यूपी के सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम की ओर से ताजमहल पर दिए विवादित बयान को लेकर बीजेपी ने किनारा कर लिया है. संगीत सोम ने कहा था कि ताजमहल को गद्दारों ने बनाया है और ये हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, ‘वो हर कुछ जो भारत की विरासत का हिस्सा है, जो प्राचीन वेदों से योग से शुरू होकर इस धरती की सभी महान चीज़ों से जुड़ा है- जैसे कि ताजमहल, हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार या और कुछ भारत भर में...मंदिर, सोमनाथ सब हमारी धरोहर के हिस्सा हैं. इनमें से एक या अन्य को मिटाया नहीं जा सकता.’
यहां तक कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी संगीत सोम पर इस बयान के लिए कड़ा प्रहार किया है. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है, 'वो (संगीत सोम) इतिहास नहीं जानते. वो कुछ नहीं हैं. ये सरकार ताज पर उतना ही पैसा खर्च कर रही है जितना कि पिछली सरकार ने किया. ताज हमारी राष्ट्रीय धरोहर है. ये दुनिया के मंच पर हमारा गौरव है.'
ये राजनीतिक विषवमन नहीं बल्कि ताजमहल की संगमरमरी सतह का पीले होते जाना चिंता की बात है. दुनिया के अजूबों में शामिल ताजमहल के संरक्षण पर बीते तीन साल में भारत सरकार ने 11 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.