
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के लिए परमवीर चक्र की मांग की है. परमवीर चक्र युद्धकाल के दौरान अदम्य साहस और वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में सीएम पलानीस्वामी ने कहा है कि वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्तमान ने प्रतिकूल हालात में गजब का धैर्य और अदभूत रण कौशल का परिचय दिया, उन्हें सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार से नवाजा जाना उचित होगा. बता दें कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान तमिलनाडु के रहने वाले हैं.
सीएम ने कहा है कि विश्वस्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक पहल और गहन अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से पाकिस्तान उन्हें 48 घंटों में छोड़ने पर मजबूर हुआ. सीएम ने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन ने दुश्मन के सामने जो आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है, ऐसा कर उन्होंने कई दिलों को जीता है. उन्होंने कहा, "ऐसा करना उचित होगा कि उन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा जाए."
बता दें कि भारत के इतिहास में अब तक सिर्फ 21 सैनिकों को ही परमवीर चक्र से नवाजा गया है. करगिल युद्ध के समय शानदार वीरता का प्रदर्शन करने के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया था. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि विंग कमांडर इस पुरस्कार के दायरे में आएंगे या नहीं, क्योंकि परमवीर चक्र युद्धकालीन परिस्थितियों में ही असाधारण शौर्य के प्रदर्शन के लिए दिया जाता है.
बता दें कि 1 मार्च को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि हर भारतीय को बहादुर विंग कमांडर पर गर्व है. बता दें कि 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश की हिमाकत की थी. इस दौरान वायुसेना ने पाकिस्तानी लड़ाकू एयरक्राफ्ट को जोरदार जवाब दिया था. कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को खदेड़ते हुए PoK में चले गए थे. यहां पर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जब अभिनंदन PoK सीमा में गिरे तो उन पर हमला भी किया गया. खून से लथपथ कमांडर अभिनंदन ने अपना हौसला बरकरार रखा और दुश्मन के सामने तनकर खड़े रहे.
गिरफ्तार करने के बाद पाक सेना ने उनसे कई ऐसी चीजें पुछने की कोशिश की जो संवेदनशील सूचनाएं थी, लेकिन अभिनंदन ने दो टूक कहा कि वो ऐसी सूचनाएं नहीं बताएंगे. कमांडर अभिनंदन पाक सेना के दबाव में तनिक भी नहीं झुके. भारत के दबाव में झुकते हुए पाकिस्तान ने मात्र 48 घंटे के अंदर उन्हें छोड़ने की घोषणा की.