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तमिलनाडु के फर्जी सिम कार्ड नेटवर्क मामले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब संभाल लिया है. अब तक इस मामले की जांच तमिलनाडु क्यू ब्रांच पुलिस कर रही थी.
फर्जी सिम कार्ड नेटवर्क मामले में चेन्नई और बेंगलुरु से अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस ने बताया कि फर्जी सिम कार्ड नेटवर्क से जुड़े लोगों ने संदिग्ध आतंकियों को 35 सिम कार्ड पहुंचाए थे. इन्हीं संदिग्धों ने केरल-तमिलनाडु बॉर्डर पर एसएसआई विल्सन की हत्या कर दी थी.
सूत्रों का कहना है कि इसी गिरोह ने संदिग्ध आतंकियों को नकली सिम कार्ड की आपूर्ति की थी. एनआईए के सूत्रों से पता चला है कि गिरफ्तार अभियुक्तों में से एक लियाकत अली ने स्वीकार भी किया है कि उनके सहयोगी ख्वाजा मोईद्दीन की गैरकानूनी गतिविधियों और अन्य कट्टरपंथियों द्वारा जिहाद करने के लिए सिम कार्ड सक्रिय किए गए थे.
2 आरोपी गिरफ्तार
पिछले दिनों कन्याकुमारी जिले में कलियाक्काविलाई थाना के विशेष उपनिरीक्षक (ASI) विल्सन हत्या मामले में पुलिस को उस समय बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब पुलिस ने विल्सन की हत्या करने वाले आईएसआईएस संदिग्ध आतंकी तौफीक और शमीम को गिरफ्तार कर लिया.
इन दोनों की पहचान सीसीटीवी फुटेज से हुई थी. सीसीटीवी में ये दोनों हत्या के बाद भागते हुए दिख रहे थे. इनके साथ-साथ आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी महबूब भी गिरफ्तार हुआ है.
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कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि दो संदिग्धों को केरल से गिरफ्तार किया गया है. इनकी गिरफ्तारी उड्डपी रेलवे स्टेशन से हुई.