
तमिलनाडु में 32 साल के राजनीतिक इतिहास को बदलते हुए जनता ने अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी. अन्नाद्रमुक ने एक्जिट पोल के पूर्वानुमानों को गलत साबित करते हुए द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन को पराजित किया. अन्नाद्रमुक को 232 को 134 सीटों पर जीत मिली है. दूसरी तरफ द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन को 98 सीटें हासिल हुई हैं.
कांग्रेस-द्रमुक को 89 सीटें
द्रमुक के खाते में 89 सीटें आई हैं, जबकि कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है. चुनाव में इन दोनों पार्टियों का साथ देने उतरी आईयूएमएल सिर्फ एक सीट अपने नाम पर पाई है. चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि जनता ने साल 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया है.
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गलत साबित हुए एग्जिट पोल
चार राज्यों और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तमिलनाडु में सामने आई जहां अन्नाद्रमुक ने शानदार जीत हासिल की. हालांकि मतदान बाद
के सर्वेक्षणों में उसके सत्ता से बाहर जाने की भविष्यवाणी जोरशोर से की गई थी.
लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का रचा इतिहास
जयललिता की अगुवाई में अन्नाद्रमुक ने भी नया चुनावी इतिहास रच दिया. तमिलनाडु के जनादेश से किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता नहीं सौंपने की परंपरा टूट
गई. 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक अब तक 134 सीट जीत चुकी है और 3 पर आगे चल रही है. वहीं, एम करूणानिधि की पार्टी द्रमुक ने 89 सीटें जीत ली
हैं. कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है. आईयूएमएल ने एक सीट पर जीत दर्ज है.
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नेतागिरी में नहीं जीत पाए अभिनेता विजयकांत
विजयकांत की डीएमडीके की अगुवाई में तीसरे मोर्चे की पार्टियां विफल साबित हुई हैं और वह राज्य में मुकाबले को त्रिकोणीय नहीं बनाई पाई. यहां तक कि स्वयं
अभिनेता से नेता बने विजयकांत अपनी सीट नहीं बचा पाए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव में जीत पर अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को फोन करके बधाई दी.
अम्मा ने विपक्षी पार्टियों को दिया कड़ा मुकाबला
चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि तमिलनाडु में इस बार भी मुख्य मुकाबला अन्नाद्रमुक के अगुवाई वाले गठबंधन और द्रमुक-कांग्रेस के गठबंधन के बीच ही रहा. अन्नाद्रमुक कुछ छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी जबकि द्रमुक और कांग्रेस ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कुछ और छोटी पार्टियों को साथ लिया था.
इस चुनाव में अन्नाद्रमुक ने 227 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. द्रमुक 180 और कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी.