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स्थायी समाधान की मांग के बीच कई जगह जलीकट्टू की शुरुआत, CM का हुआ विरोध

राज्य के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम खुद रविवार सुबह 10 बजे अलंगनल्लूर में जलीकट्टू आयोजन का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा तमिलनाडु के अन्य मंत्री अपने-अपने जिलों के आयोजनों में भाग लेगें.

जलीकट्टू जलीकट्टू
संदीप कुमार सिंह
  • चेन्नई,
  • 22 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

तमिलनाडु में जलीकट्टू पर अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद भी राज्य के सीएम ओ पनीरसेल्वम को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी.  मदुरई में जलीकट्टू के एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. कार्यक्रम में मौजूद लोगों के विरोध के बाद पनीरसेल्वम को बिना उद्घाटन करे ही वापस चेन्नई लौटना पड़ा. राज्य की जनता जलीकट्टू पर स्थाई समाधान चाहती इसी के चलते कार्यक्रम में पनीरसेल्वम का विरोध किया गया.

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विधानसभा में आएगा ड्राफ्ट

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीसेल्लम ने कहा है कि वो जल्द ही जलीकट्टू पर विधानसभा में मसौदा पेश करेंगे, ताकि इसे लेकर स्थाई कानून बनाया जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में इस खेल के आयोजन के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. उधर एक एनजीओ के सदस्यों ने सीएम पनीरसेल्वम से मुलाकात कर जलीकट्टू पर स्थाई रूप से बैन हटाने की मांग की है.

विरोध और खेल साथ-साथ

विरोध के बीच तमिलनाडु के कई इलाकों में जलीकट्टू का खेल शुरु हो चुका है. तिरुचिपल्ली में खेल के दौरान 100 सांडों ने भाग लिया. साथ ही खेल में 500 से ज्यादा बुल ट्रेनर भी मौजूद रहे. कोयम्बटूर में छात्रों ने जलीकट्टू में शामिल होने जा रहे राज्य सरकार में मंत्री का काफिला रोक कर अपना विरोध भी जताया.

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तमिननाडु के अलंगनालूर में अधिकारी जल्लीकट्टू आयोजकों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि अध्यादेश ही स्थाई समाधान है. उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों को बताया गया कि अध्यादेश को कानून में बदला जाएगा. इस संबंध में विधानसभा में एक विधेयक लाया जाएगा और यह स्थाई कानून तथा समाधान भी होगा. पुडुकोट्टई में स्वास्थ्य मंत्री सी विद्यासागर ने जल्लीकट्टू का उद्घाटन किया जहां सैकड़ों युवक प्रतिस्पद्र्धा में शामिल थे.

आखिर हट गया बैन

जलीकट्टू पर अंतत: तीन साल पुराना बैन हट ही गया. लोगों की भावना को देखते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शनिवार को जलीकट्टू पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. आपको बता दें कि इस पारंपरिक खेल पर पिछले तीन साल से बैन लगा हुआ था.

जलीकट्टू के आयोजन के पक्ष में अध्यादेश को मंजूरी देने के उद्देश्य से ही तमिलनाडु का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव शनिवार को चेन्नई पहुंचे थे. गौरतलब है जलीकट्टू के आयोजन के पक्ष में चेन्नै के मरीना बीच पर हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी लगातार पांच दिनों से डटे हुए थे. इसके अलावा जल्लीकट्टू के समर्थन में कई बड़ी हस्तियों ने भी एकजुटता दिखाई. इनमें दिग्गज फिल्म एक्टर रजनीकांत, एक्ट्रेस नयनतारा और एक्ट्रेस तृषा आदि शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था बैन

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सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद पिछले साल केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर इस पारंपरिक खेल को इजाजत दे दी थी, लेकिन सरकार के इस अध्यादेश को फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, हालांकि राज्य सरकार की ओऱ से सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट याचिक भी दायर की जा चुकी है.

 

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