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इस सुसाइड नोट को पढ़कर छलक जाएंगी आंखें

स्कूल में पढ़ने वाला एक दसवी का छात्र शिक्षकों के कड़े रवैये से इतने गहरे अवसाद में था कि उसने अपनी जिन्दगी खत्म कर ली. गुनाह सिर्फ ये था वो अपने बैग में चोरी छिपे मोबाइल फोन लेकर स्कूल पहुंच गया था. दोस्त के साथ सेल्फी ले रहा था.

गहरे अवसाद में अपनी जिन्दगी खत्म कर ली गहरे अवसाद में अपनी जिन्दगी खत्म कर ली
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 9:41 PM IST

स्कूल में पढ़ने वाला एक दसवी का छात्र शिक्षकों के कड़े रवैये से इतने गहरे अवसाद में था कि उसने अपनी जिन्दगी खत्म कर ली. गुनाह सिर्फ ये था वो अपने बैग में चोरी छिपे मोबाइल फोन लेकर स्कूल पहुंच गया था. दोस्त के साथ सेल्फी ले रहा था.

जब में इस दुनिया में आया था,
तुम सब हंस रहे थे और मैं रो रहा था,
आज मैं हंसूंगा और तुम सब रोओगे.


ये उस नाबालिग के आखिरी अल्फाज हैं, जो उसने मौत को गले लगाने से पहले लिखे थे. जब ये सुसाइड नोट के रूप में मां-बाप के हाथों में आया तो जिन्दगी के घर का सबसे चहेता कमरा खाली पड़ा था. आंखों के सामने अपने लाल की लाश पड़ी हुई थी.

जानकारी के मुताबिक, तरुण दिल्ली के गाजीपुर के मेयो इंटरनेशनल स्कूल में दसवीं में पढ़ता था. शनिवार को स्कूल जाते हुए वो चुपके से मोबाइल फोन भी लेता गया. स्कूल में वो अपने  दोस्त के साथ सेल्फी ले रहा था. इसकी शिकायत टीचर से हो गई.

परिजनों ने बताया कि तरुण का मोबाइल लेकर स्कूल जाना टीचर को नागवार गुजरा. उसे कक्षा से निकाल कर रिसेप्शन पर बिठा दिया गया. यही बात उसके माता-पिता को कचोट रही है कि एक छोटी सी गलती के लिए उसे समझाया जा सकता था.

तरुण ने अपने सुसाइट नोट में पूरी कहानी लिखी है...
'आज मैं स्कूल में फ़ोन ले गया, मेरी गलती ये थी कि मैंने वो फ़ोन क्लास में निकाल लिया और फ़ोटो लेने लगा. पता नही किसने अनु मैडम को बता दिया और मैं फंस गया. मुझे पता है कि स्कूल टीचर की नजर में मेरी इमेज बहुत ख़राब है. लेकिन मैंने सुधरने की कोशिश की थी. अगर मेरे घर वालों को स्कूल जाना पड़ता तो उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता. मेरे परिवार ने मेरे लिए बहुत कुछ किया पर मैं उनके लिए कुछ नही कर सका.'

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