
टाटा ट्रस्ट से जुड़े संगठन ने किसानों के लिए एक खास पहल की है. इसके तहत झारखंड के 40 हजार से अधिक किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद है. दरअसल, ट्रस्ट के संगठन कलेक्टिव्स फार इंटिग्रेटेड लाइवलीहुड इनीशिएटिव (CInI) ने कृषि-तकनीकी को स्मार्ट बनाने के लिए एक स्टार्टअप ''क्रॉपइन'' से समझौता किया है.
इस समझौते की खास बात ये है कि गरीबी उन्मूलन के साथ महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया गया है. बता दें कि CInI और क्रॉपइन के बीच का यह समझौता टाटा ट्रस्ट के ''मिशन 2020: लखपति किसान - स्मार्ट विलेज'' कार्यक्रम के तहत किया गया है. इस मिशन का मकसद 1 लाख से अधिक घरों को गरीबी से मुक्त करना और उनके जीने के तरीके में सुधार लाना है.
CInI के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गणेश नीलम ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों की आजीविका में सुधार करने के लिए नई तकनीक और दृष्टिकोण की जरूरत है. ऐसे में हमने एक स्टार्टअप के साथ समझौता किया है. इसके जरिए हम छोटे और सीमांत किसानों को बड़े लाभ देने की कोशिश करेंगे.
क्रॉपइन के सीआरओ जीतेश शाह ने बताया कि CInI के साथ अपनी साझेदारी के जरिए हम किसानों के बीच टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना चाहते हैं. इस कार्यक्रम की खास बात है कि यह महिलाओं के नेतृत्व वाली एफपीओ द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलती है. बता दें कि इस समझौते के पहले चरण की शुरुआत 2018 में हुई थी. CInI का दावा है कि झारखंड के 4,300 से अधिक किसानों की आजीविका में सुधार किया गया.
यहां बता दें कि CInI टाटा ट्रस्ट की नोडल एजेंसी है. ट्रस्ट ने अपने पंच वर्षीय मिशन कार्यक्रम ‘लखपति किसान-स्मार्ट गांव’ की शुरुआत 2015 में की थी. इस कार्यक्रम के तहत झारखंड, ओड़िशा, गुजरात और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में किसानों के जीवन स्तर को सुधारने की कोशिश की जा रही है. बहरहाल, क्रॉपइन के साथ यह समझौता झारखंड के लिए हुआ है.