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दवाओं के दामों पर नियंत्रण रखने वाली सरकारी एजेंसी NPPA ने लगभग 30 जरूरी दवाओं के मूल्य की नई सीमा तय की है. एजेंसी के इस फैसले से डायबिटीज, मलेरिया, टीबी की दवाओं में लगभग 25-30 फीसदी की कम आएगी. इन 30 दवाओं में कुछ एंटीबायोटिक्स भी शामिल हैं.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, NPPA ने हाल ही इन दवाओं की सीमा तय करने के लिए नोटिफाई किया है. NPPA ने अपने आदेश में कहा है कि अगर किसी दवा की कीमत रेगुलेटर द्वारा तय की गई सीमा से कम है तो दवा बेचने वाली कंपनी मौजूदा सबसे कम मूल्य पर दवा बेच सकती हैं.
दवा कंपनियां NPPA के आदेश के बाद दवाएं नई पैकेजिंग या नई डोज के साथ उसी दाम पर न बेचे, इसके लिए भी हिदायत दी गई है. NPPA की तरफ से कहा गया है कि ऐसा करने से पहले सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है, ताकि दवा कंपनियों को मनमानी से रोका जा सके. यही नहीं, इस सरकारी एजेंसी ने दवा कंपनियों को इन दवाओं का प्रोडक्शन कम या बंद न करने की भी हिदायत दी है.
सरकार जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची की समीक्षा करने की योजना भी बना रही है. जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची के आधार पर ही दवाओं के दामों को नियंत्रित किया जाता है. डॉक्टरों द्वारा ज्यादा लिखी जाने वाली दवाएं भी इस सूची में शामिल की जाएंगी.