
एनडीए की महत्वपूर्ण सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और बीजेपी के बीच इस समय आंध्र प्रदेश को लेकर टकराहट दिख रही है. आंध्र की सत्ता में काबिज टीडीपी बीजेपी से वादे पूरे करने को कह रही है, तो बीजेपी की ओर से टीडीपी को अब तक सिर्फ आश्वासन मिले हैं.
हालांकि 1 फरवरी को पेश किए गए आम बजट में आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेट का दर्जा और पैकेज की घोषणा न होने के बाद से टीडीपी और बीजेपी के बीच मतभेद खुलकर सामने आए हैं.
नायडू ने की थी PM मोदी से मुलाकात
बता दें कि इससे पहले आंध्र प्रदेश से संबंधित अपनी मांगों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी, लेकिन उनकी मांगों पर अभी तक केंद्र ने कोई घोषणा नहीं की है. हालांकि बजट पेश होने के बाद टीडीपी की ओर से दबाव बढ़ने और एनडीए गठबंधन से अलग होने की बात कहने के बाद केंद्र ने टीडीपी को पैकेज की घोषणा जल्द करने के संकेत दिए हैं.
बजट में आंध्र को कुछ न मिलने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि अगर उन्हें (बीजेपी) हमारी जरूरत नहीं, तो हम नमस्ते कह देंगे.
हाल ही में ऐसी खबरें आई थी कि वित्तमंत्री इस संबंध में जल्द ही पैकेज जारी कर सकते हैं, लेकिन गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में टीडीपी सांसदों ने जमकर प्रदर्शन किया. टीडीपी सांसद नारे लगाते हुए सदन के वेल में पहुंचे, तो लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों के दस्तावेज भी छीन लिए. इससे लोकसभा स्पीकर खासे नाराज दिखे.
अगले साल हैं आंध्र में चुनाव, इसलिए आक्रामक है TDP
अगले साल होने वाले लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा के एक साथ होने वाले चुनावों के मद्देनजर लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर टीडीपी काफी आक्रामक है.
टीडीपी और बीजेपी के बीच चल रही अदावत के बीच नायडू और मोदी की मीटिंग काफी अहम थी. इस मीटिंग में नायडू ने पीएम को 17 पेज का दस्तावेज सौंपा था. दोनों नेताओं के बीच डेढ़ साल बाद मुलाकात हुई थी.
जानिए क्या है टीडीपी की मांग
- चंद्रबाबू नायडू की मांग है कि केंद्र पोलावरम परियोजना के लिए 58,000 करोड़ रुपये को तत्काल मंजूरी दे।
- उन्होंने मोदी से नए राज्य की राजधानी अमरावती के विकास के लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त राशि सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
- वह यह भी चाहते हैं कि मोदी राज्य विधानसभा की सीटें 175 से बढ़ाकर 225 करने के लिए तत्काल कदम उठाएं, जिसकी प्रतिबद्धता पुनर्गठन अधिनियम में की गई है।
- नायडु का कहना है कि राज्य के विभाजन के कारण आंध्र प्रदेश वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत की गई प्रतिबद्धताओं को लागू करने में देरी से समस्याएं और बढ़ेंगी।
क्या है आंध्र प्रदेश विधानसभा का समीकरण
साल 2014 में हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी और टीडीपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. दोनों पार्टियों के गठबंधन को 175 सीटों में 106 सीटें मिलीं. इनमें टीडीपी को 102 और बीजेपी को 4 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को 67 सीटें मिलीं.
दूसरी ओर एनडीए सहयोगी टीडीपी के पास के पास 15 सांसद हैं और केंद्र की मोदी सरकार में दो मंत्री भी हैं. इनमें नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गणपति राजू और वाईएस चौधरी शामिल हैं.