
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर यू-टर्न ले लिया है. संसद में टीडीपी ने सीएए का समर्थन किया था, लेकिन अब पार्टी ने सीएए और एनआरसी को मुसलमानों के लिए घातक बताया है.
पार्टी के सांसद जी. जयदेव ने शनिवार को कहा कि पार्टी को पहले सीएए में कुछ भी गलत नहीं लगा. लेकिन जब पता चला कि केंद्र सरकार एनआरसी ला रही है तो हमें अब उस खतरे का पता चल रहा है जो भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर मंडरा रहा है.
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जयदेव ने कहा कि असम एनआरसी के अध्ययन के बाद हमें समय, धन और सर्वेक्षण की गुणवत्ता को लेकर कई खामियों के बारे में पता चला, और इस पर भरोसा नहीं किया सकता है. चूंकि केंद्र सरकार असम में इसे ठीक ढंग से लागू नहीं कर पाई तो वे इसे पूरे देश में कैसे लागू करेंगे. हमें संदेह है. यदि सीएए और एनआरसी एक साथ किए जाते हैं तो इसमें दुरुपयोग की बहुत आशंका है.
जयदेव ने कहा कि अगर कोई गैर मुस्लिम दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहता है तो उसे जल्दी ही नागरिकता संशोधन कानून के मुताबिक नागरिकता मिल जाएगी. लेकिन अल्पसंख्यकों, मुस्लिमों के मामले में ऐसा नहीं होगा. इसके बाद इन मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि डिटेंशन कैम्प पहले ही बनाए जा चुके हैं.
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जयदेव ने कहा कि जब तक अल्पसंख्य मुस्लिमों को विश्वास में नहीं लिया जाता है और देश के असली नागरिकों को कोई खतरा न होने का भरोसा नहीं दिया जाता तब तक हम केंद्र सरकार के सीएए का समर्थन नहीं करेंगे.
टीडीपी सांसद ने डिटेंशन कैंपों के निर्माण पर भी सवाल उठाया और इसकी तुलना नाजी कॉन्सेंट्रेशन कैंपों की तरह की. जयदेव ने कहा कि जब तक अल्पसंख्य मुस्लिमों को विश्वास में नहीं लिया जाता है और देश के असली नागरिकों को जब तक कोई खतरा न होने का भरोसा केंद्र सरकार नहीं देती है हम सीएए का समर्थन नहीं करेंगे.