
टीम इंडिया ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को 337 रनों से हरा दिया. यह रन अंतर के लिहाज से भारत की अब तक की सबसे बड़ी जीत है. इसके साथ ही भारत ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज 3-0 से जीत ली.
डिविलियर्स ने बनाए सर्वाधिक रन
दक्षिण अफ्रीका के हाथों वनडे और टी-20 सीरीज गंवाने के बाद भारत ने मोहाली में जीत का जो सिलसिला शुरू किया था, वह दिल्ली में नए कीर्तिमान के साथ खत्म हुआ. अंतिम टेस्ट के पांचवें दिन भारतीय गेंदबाजों ने 481 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़ी शिद्दत से ड्रॉ के लिए संघर्षरत मेहमानों की पारी 143 रनों पर समेट दी. मेहमान टीम ने कुल 143.1 ओवरों का सामना किया. उसके लिए दूसरी पारी में एबी डिविलियर्स ने 297 गेंदों का सामना करते हुए सबसे अधिक 43 रन बनाए.
काम नहीं आया अफ्रीकी बल्लेबाजों का संघर्ष
भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन ने इस सीरीज में एक बार फिर कमाल करते हुए पांच विकेट लिए जबकि उमेश यादव ने तीन और रवींद्र जडेजा ने दो सफलताएं हासिल की. इस मैच को बचाने के लिए डिविलियर्स, कप्तान हाशिम अमला (25 रन, 244 गेंद), तेम्बा बायुमा (34 रन, 117 गेंद) और फाफ डु प्लेसी (10 रन, 97 गेंद) ने कबिलेतारीफ संघर्ष किया, लेकिन वो मैच बचा नहीं पाए.
डिविलियर्स के आउट होते ही भारत हुआ हावी
मैच बचाने की कोशिश में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने धीमी बल्लेबाजी के कई अनचाहे कीर्तिमान अपने नाम किए. इनके इस प्रयास के कारण रविवार भोजनकाल के बाद से अंतिम दिन का खेल दर्शकों के लिहाज से बेहद उबाऊ रहा लेकिन अंतत: जो परिणाम निकला, उससे सब खुश नजर आए. अंतिम दिन चायकाल तक तो बिल्कुल नहीं लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका हथियार डालेगा लेकिन 136 के कुल योग पर अश्विन की गेंद पर डिविलियर्स का विकेट गिरने साथ भारत हावी हो गया.
बनाया सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने आनन-फानन में मेहमान पारी को समाप्त कर विराट कोहली को घरेलू मैदान पर कप्तान के तौर पर खेलते हुए पहला टेस्ट जिताया. भारत ने टेस्ट मैचों में रन अंतर के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है. इससे पहले भारत ने 2008 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया को 320 रनों से हराया था. इसके साथ ही भारत ने कोटला में बीते 28 साल से अपने जीत के क्रम को भी बरकरार रखा है.
रहाणे बने मैन ऑफ द मैच
इस मैदान पर भारतीय टीम अंतिम बार 1987 में हारी थी. 1993 से लेकर आज तक इस मैदान पर भारत ने कुल 11 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 10 में उसे जीत मिली है. बहरहाल, दिल्ली टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाने वाले अजिंक्य रहाणे को मैन ऑफ द मैच चुना गया जबकि इस मैच में डिविलियर्स के सबसे अहम विकेट के साथ छह तथा सीरीज में कुल 31 विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्विन को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया.
पूरे मैच में रहा भारत का दबदबा
कोटला टेस्ट के शुरुआती तीन दिन गेंद और बल्ले में अच्छा संघर्ष देखने को मिला. पहले दिन खराब रोशनी की वजह से खेल जल्द समाप्त कर दिया गया था. खेल समाप्त होने तक भारत ने सात विकेट के नुकसान पर 231 रन बनाए थे. भारत के लिए अजिंक्य रहाणे 89 जबकि रविचंद्रन अश्विन 6 रन बनाकर नाबाद लौटे थे. वहीं द. अफ्रीका के लिए इस सीरीज में अपना पहला मैच खेल रहे स्पिनर पीट ने चार जबकि तेज गेंदबाज एबॉट ने तीन विकेट झटके थे. जबकि दूसरे दिन के खेल की समाप्ति पर टीम इंडिया ने मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी. रवींद्र जडेजा ने दूसरे दिन पांच विकेट झटकते हुए प्रोटियाज को 121 रनों पर समेटते हुए 213 रनों की बढ़त ले ली.
रहाणे ने दोनों पारियों में जमाया शतक
इससे पहले भारत ने अजिंक्य रहाणे के शानदार शतक की बदौलत अपनी पहली पारी में 334 रन बनाए थे. भारत ने मेहमानों को फॉलोऑन ना देते हुए खुद बैटिंग करने का फैसला किया. टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी रहाणे के शतक और कप्तान कोहली के 88 रनों की बदौलत पांच विकेट के नुकसान पर 267 रन बनाकर घोषित की. जीत के लिए मिले 481 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए द. अफ्रीकी टीम एबी डिविलियर्स, हाशिम अमला और फाफ डु प्लेसी की संघर्ष भरी पारियों के बावजूद 143 रनों पर सिमट गई.