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तेज प्रताप के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द करने पर कोर्ट का स्टे

बीपीसीएल ने तेज प्रताप के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द करने की वजह बताई. उनका कहना है कि तेज प्रताप ने 2011 में लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने को बताया है.

तेज प्रताप यादव तेज प्रताप यादव
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 17 जून 2017,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और मंत्री तेज प्रताप यादव को 2011 में आवंटित पेट्रोल पंप के लाइसेंस को रद्द किया गया. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसे रद्द कर दिया है.

बीपीसीएल ने तेजप्रताप के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द करने की वजह बताई. उनका कहना है कि तेज प्रताप ने 2011 में लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने को बताया है. भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पिछले दिनों इस मुद्दे को उठाया था और आरोप लगाया था कि 2011 में जब तेज प्रताप यादव ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. तो उस वक्त उन्होंने पटना के बाईपास इलाके में जिस जमीन को अपना बताकर आवेदन किया था. असल में वह जमीन एक शराब व्यापारी अमित कत्याल की थी.

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गौरतलब है कि, तेजप्रताप यादव ने अपने चुनावी हलफनामे में और बिहार सरकार को जमा किए गए अपने संपत्ति की जानकारी में भी इस पेट्रोल पंप का जिक्र नहीं किया है.

इसी को लेकर सुशील कुमार मोदी ने BPCL में शिकायत दर्ज की थी. उसके बाद BPCL ने तेज प्रताप यादव को 31 मई को नोटिस जारी कर कर उनसे 15 दिनों में जवाब मांगा था कि आखिर तुंहे पेट्रोल पंप का लाइसेंस कैसे मिला.

तेज प्रताप यादव द्वारा दिए गए BPCL के नोटिस का जवाब से असंतुष्ट होकर बीपीसीएल ने उन्हें पेट्रोल पंप का आवंटित लाइसेंस रद्द कर दिया है. पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द होने के बाद तेज प्रताप यादव ने पटना के निचली अदालत में बीपीसीएल के आदेश पर रोक लगाने के लिए अर्जी डाली थी. इसके बाद कोर्ट ने BPCL के फैसले पर फिलहाल 7 दिनों के लिए रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 23 जून को होगी.

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