
रेलमंत्री सुरेश प्रभू ने नई ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की पहली झलक का मुआयना किया. प्रभू ने घोषणा की कि पहली तेजस ट्रेन 22 मई से मुंबई से गोवा के करमाली स्टेशन के बीच चलना शुरू हो जाएगी. यह ट्रेन सप्ताह में 5 दिन चलाई जाएगी और इसमें कई कॉमर्सियल स्टॉपेज दिए जाएंगे. तेजस ट्रेन का किराया शताब्दी ट्रेन के मुकाबले ज्यादा होगा. तेजस एक्सप्रेस की पहली रैक कपूरथला की रेलवे फैक्ट्री में बनाई गई है. रेलमंत्री के मुआयने के लिए इस ट्रेन को खासतौर पर दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर लाया गया.
रेलमंत्री सुरेश प्रभू तेजस ट्रेन के डिब्बे के डिजाइन से संतुष्ठ दिखे. उन्होंने कहा कि तेजस एक्सप्रेस को सबसे पहले मुंबई और गोवा के बीच चलाया जाएगा. उसके बाद इसे मुंबई अहमदाबाद, आनंद विहार से लखनऊ और दिल्ली चंडीगढ़ के बीच चलाया जाएगा. तेजस ट्रेन को एक खास अंदाज देने के लिए विशेष और खूबसूरत दिखने वाले विनाइल से सुसज्जित किया गया है. पूरी ट्रेन पर एक खास तरह का पैटर्न छापा गया है और इसका कलर उगते हुए सूरज की तरह रखा गया है. तेजस ट्रेन का नाम सूर्य की किरणों की तरह तेज रहने के लिए रखा गया है.
रेलवे के डीजी पीआर अनिल सक्बासेना के मुताबिक तेजस देश की पहली ऐसी ट्रेन होगी जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए एकदम फिट है. तेजस एक्सप्रेस के हर एक डिब्बे को बनाने में रेलवे को 3 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं. शताब्दी का एक डिब्बा बनाने में रेलवे की लागत ढाई करोड़ की आती है. पिछले साल के बजट में रेलवे ने इस ट्रेन को चलाने की मंशा जाहिर की थी. तेजस एक्सप्रेस देश में चलने वाली पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसमें स्वचालित प्लग टाइप दरवाजे लगाए गए हैं.