
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पश्चिम चंपारण से विकास समीक्षा यात्रा की शुरुआत की. नीतीश के लिए ये यात्रा भले ही प्रदेश में हुए विकास कार्यों की समीक्षा के लिए की जा रही है, मगर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस यात्रा को कुछ और ही मानते हैं. तेजस्वी के लिए यह विकास समीक्षा यात्रा नहीं बल्कि दीमक यात्रा है.
तो सवाल उठता है कि आखिर क्यों तेजस्वी यादव नीतीश के विकास समस्या यात्रा को दीमक यात्रा को कह रहे हैं? तेजस्वी नीतीश से पूछते हैं कि आखिर ऐसी यात्रा निकालने से प्रदेश का कौन सा विकास हो जाता है? तेजस्वी नीतीश से जानना चाहते हैं कि आखिर बिहार में घोटालों के अलावा और कहां विकास हो रहा है?
तेजस्वी मानते हैं कि नीतीश ने महागठबंधन को मिले जनादेश का जो बलात्कार किया है, उससे हुई किरकिरी से पार पाने के लिए वह इस यात्रा पर निकले हैं. नीतीश पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह बात काफी हास्यास्पद है कि मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान उन परियोजनाओं और योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन कर रहे हैं, जिसका शिलान्यास-उद्घाटन वह पहले भी कर चुके हैं, यानी कि जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश हो रही है.
तेजस्वी यही नहीं रुके, आगे कहा कि नीतीश ने अपने 13 साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में सिस्टम में जगह-जगह जिस सुनियोजित तरीके से जिन दीमकों और जोंकों को स्थापित किया है, ताकि वह सिस्टम को खोखला कर सके और जनता का खून चूस सकें, उन्हीं की सक्रियता को जानने के लिए नीतीश इस यात्रा पर निकले हैं.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं और सरकारी खजाने में सेंधमारी होती जा रही है, पर छवि बाबू उर्फ नीतीश कुमार धृतराष्ट्र होने का ढोंग कर रहे हैं जबकि वे खुद इन सबमें मिले हुए हैं. नीतीश की यात्रा पर हमला करते हुए तेजस्वी ने बिहार में हाल के दिनों में हुए घोटालों की लंबी फेहरिस्त भी पेश की- सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, धान घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, सात निश्चय के नाम पर घोटाला, LED घोटाला, डस्टबिन घोटाला, जननी घोटाला, जाम बस्टर घोटाला और न जाने कितने घोटाले.
नीतीश पर तेजस्वी ने तंज कसा कि नीतीश कुमार के घोटालों में जबरदस्त रेंज और डाइवर्सिटी है. सभी मामलों की जांच में गाज केवल छोटी मछलियों पर ही गिरती है. तेजस्वी तारीफ करते हैं नीतीश के हुनर मंदी की जहां वह अपने और सत्ता के करीबियों को बाइज्जत बचा ले जाते हैं और जांच के नाम पर लोगों की आंखों में धूल भी झोंक देते हैं.
तेजस्वी पूछते हैं कि जब हर विभाग और हर मंत्रालय में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं, तो नीतीश अपनी विभागीय समीक्षा बैठक में आखिर करते क्या हैं? क्या नीतीश इन समीक्षा बैठकों में घोटाले पर किस तरीके से पर्दा डाला जाए इसके गुण सिखाते हैं?
तेजस्वी ने ट्वीट किया, 'नीतीश जी को विकास यात्रा नहीं बल्कि पहले से घोषित कार्य पूर्ण नहीं होने और जनादेश पर डाका डालने की एवज में ‘प्रायश्चित यात्रा’ पर निकलना चाहिए.'