
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारबंदी कानून लाने की मांग की है, ताकि नौजवानों को रोजगार मिल सके. साथ ही बिहार सरकार की ओर से आउटसोर्स कर्मचारियों पर आरक्षण का नियम लागू करने का क्रेडिट प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव खुद लेना चाहते है.
उन्होंने कहा, 'ये आइडिया मेरा ही था, जब मैं सरकार में उपमुख्यमंत्री था, तब मैंने ये आइडिया दिया था.' पटना में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि शराबबंदी का हमने समर्थन किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दहेज और बाल विवाह विरोधी अभियान चला रहे हैं, ये भी अच्छी बात है, लेकिन आरजेडी की मांग है कि वो बेरोजगारबंदी कानून लाएं, ताकि नौजवानों को रोजगार मिल सके.'
बिहार सरकार ने ठेके या आउट सोर्स होने वाले कर्मचारियों पर भी आरक्षण का नियम लागू कर दिया है. नीतीश कुमार ने कैबिनेट के फैसले के तहत इस पर मुहर लगवाई है, जिसमें राज्य सरकार को निजी कम्पनियां आउटसोर्स करती हैं और उन्हें कर्मचारी मुहैया कराती हैं. अब इनको आरक्षण के नियम का पालन करने को कहा गया है. इस तरह निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है.
आरजेडी आरक्षण के मुद्दे को समय-समय पर भुनाती रही है. पिछले चुनाव में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए बयान को लालू प्रसाद यादव ने खूब भुनाया था. इस बार भी आरक्षण एक मुद्दा बनने जा रहा था. ऐसे में नीतीश कुमार ने पहले ही निजी कम्पनियों पर आरक्षण का नियम लागू कर सबकी बोलती बंद कर दी है. ऐसे में तेजस्वी को ये बोलना पड़ रहा है कि ये उनका आइडिया था. अब इसका जवाब तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही दे सकते है कि तेजस्वी यादव के दावे में कितना दम है.