
बिहार और उतर प्रदेश के उपचुनाव परिणाम से गदगद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी गैर- बीजेपी पार्टियों को अपना अहम छोड़कर काम करना चाहिए. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कोई बड़ी बात नहीं है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके पिता लालू यादव ने बहुत पहले ही सबको एक मंच पर लाने की कोशिश की थी. वो चाहते थे कि एक देश स्तर पर महागठबंधन बने और आज परिणाम देखिए मैं मायावती जी और अखिलेश जी को धन्यावाद देता हूं.
आजतक से खास बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण था, देश में इससे बड़ा संदेश गया है. जो लोग जुमलेबाजी कर रहे थे उन्हें सबक मिला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस तरीके से मेरे पिता और मेरे परिवार को फंसाया गया है यह उसी का परिणाम है. तेजस्वी ने कहा कि अररिया हमारी परंपरागत सीट नहीं है. हम 2014 में इसे जीते उससे पहले 1998 से बीजेपी और जेडीयू जीतती रही है.
हम 2014 तब जीते थे जब बीजेपी और नीतीश कुमार अलग- अलग लड़ रहे थे, लेकिन इस बार उनके साथ रहते हुए हमने यह सीट जीती है और यह बड़ी बात है. इससे साबित होता है कि लालू यादव एक विचारधारा हैं.
तेजस्वी ने कहा कि यह जनादेश के अपमान के खिलाफ जनता की आवाज है. सहानूभूति उतर प्रदेश में तो नहीं थी फिर वहां बीजेपी क्यों हारी? अगर सहानूभूति कि बात थी तो कल तक एनडीए के लोग सभी सीटों पर जीतने की बात क्यों कर रहे थे? उन्होंने कहा कि इस पूरी लड़ाई में नीतीश कुमार कहीं हैं ही नहीं. जिस तरीके से परिणाम आया है उससे उन्हें सीधा राजभवन जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, 'चाचा जी अब मुश्किल से 5 साल राजनीति करेंगे हमें 50 साल करनी है और अब उनके साथ जाने का सवाल ही नहीं है.'