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सवर्णों के आरक्षण पर बोले तेजस्वी- जाति जनगणना के आंकड़े हों जारी

पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को दलित विरोधी बताते हुए एससी/एसटी एक्ट को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है.

तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता (फाइल फोटो) तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता (फाइल फोटो)
विवेक पाठक/सुजीत झा
  • पटना,
  • 11 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:11 PM IST

देश में आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों के आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि जब तक जातिगत जनगणना के नतीजे सार्वजनिक नहीं के बाद ही सवर्णों के आरक्षण की बात की जाएगी.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण का पक्ष लिया था. अब पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय गनगणना के आंकड़े जब सामने आएंगे तभी पता चलेगा कि कौन गरीब है और तब हम सर्वणों के आरक्षण की बात करेंगे.

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संगठन को मजबूत बनाने और लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी की अध्यक्षता में तेजस्वी यादव ने आरजेडी की विस्तारित बैठक बुलाई थी. मकसद था लालू प्रसाद की गैरमौजूदगी के बावजूद पार्टी को एक साथ लेकर आगे बढ़ना. पार्टी पिछडों और दलितों को एकजुट रखना चाहती है, उनका मानना है कि बीजेपी इनके बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है. तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी दलितों की हितैषी है और उनकी रक्षा के लिए हमेशा खडी रहेगी.

तेजस्वी यादव ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर एक बार फिर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने एससी/एसटी कानून में संशोधन के लिए कानून तो बनाया, लेकिन हमारी मांग है कि इसे 9वीं अनुसूचि में शामिल किया जाए. बीजेपी पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी है. वो दलितों और पिछडों में फूट डालना चाहती है हम इसका करारा जवाब देंगे.

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आरजेडी सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान तेजस्वी यादव सहित पार्टी के अन्य बड़े नेताओं ने बीजेपी से मुकाबले के लिए तैयार रहने की चर्चा की. कई नेताओं ने पार्टी की स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन की मौजूदा स्थिति से हम बीजेपी से कैसे लड़ सकते हैं. तेजस्वी यादव साफ्ट पॉलिटीशियन माने जाते हैं लिहाजा उनके सामने वो नेता भी मुंह खोलने में परहेज नहीं करते है जिनकी जुबान लालू यादव की मौजूदगी में नहीं खुलती थी.

प्रत्यक्ष तौर पर बैठक में बूथ लेबल एजेंटों की नियुक्ति और रघुवंश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में बनी संघर्ष समिति के लिए एजेंडा तय करना है, लेकिन परोक्ष रूप से तेजस्वी यादव अपने थिंक टैंक से जानने की कोशिश करेंगे कि आरक्षण एवं एससी-एसटी एक्ट के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ सवर्णों के गुस्से को आरजेडी किस तरह भुनाए.

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