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उपभोक्ताओं को घटिया कॉल क्वालिटी और खराब सर्विस मुहैया कराने वाली टेलीकॉम कंपनियां अब सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार ठहराई जाएंगी. इसके लिए कंपनियां अब स्ट्रेक्ट्रम की कमी का बहाना नहीं बना सकेंगी. दूरसंचार ग्राहकों की तादाद 95 करोड़ के पार
दरअसल, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दूरसंचार कंपनियों को सर्विस की क्वालिटी में किसी तरह की गिरावट के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि काफी स्पेक्ट्रम उपलब्ध है और कंपनियों द्वारा ग्राहकों की कॉल ड्रॉप व अन्य संबंधित चिंताओं पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
TRAI से की जा सकती है शिकायत
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर ग्राहकों की चिंताएं जारी रहीं, तो वे दूरसंचार नियामक 'ट्राई' से मामले पर विचार करने को कहेंगे. उन्होंने कहा कि हाल ही की स्पेक्ट्रम नीलामी से कॉल दर की लागत पर केवल 1.3 पैसे प्रति मिनट का मामूली असर होगा. स्पेक्ट्रम बोली के कारण नहीं बढ़ेंगी कॉल दरें: रविशंकर
मंत्री ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को अब सेवाओं की गुणवत्ता व कॉल ड्रॉप के मुद्दे को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक दूरसंचार कंपनियों की सेवाओं की गुणवत्ता के लिए वे जवाबदेह हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पहले की यूपीए सरकार पर BSNL व MTNL की वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया.
प्रसाद ने कहा, 'यह मुद्दा मुझे हमेशा चकित करता है. साल 2004 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑफिस छोड़ा, तो BSNL 10000 करोड़ रुपये के फायदे में थी. डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में इसने लगभग 9000 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया. वे कौन-सी ताकतें थीं जो BSNL और उसी तरह MTNL को घाटे में धकेलना चाहती थीं.'