
रामनवमी से एक दिन पहले कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा शहर में लगाए गए देवी-देवताओं के बैनर और पोस्टर को फाड़ने को लेकर दो गुटों के बीच हुए विवाद के बाद शहर में अभी तनाव की स्थिति बनी हुई है.
बुधवार को भी रामनवमी के जुलूस के दौरान शरारती तत्वों ने जमकर बवाल काटा और कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए और दुकानों को लूटने का प्रयास भी किया. उपद्रवियों ने शहर के कई इलाकों में पत्थरबाजी भी की जिसके बाद पुलिस
हरकत में आते हुए 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया और स्थिति को नियंत्रित किया.
सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को लेकर नवादा पहले भी सुर्खियों में रहा है, इस बार भी रामनवमी के दौरान ऐसे ही हालत देखने को मिले. आईजी नैयर हसनैन खान, डीआइजी सौरभ कुमार और जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार शहर में कैंप कर रहे हैं और हालात सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है.
शहर की सारी दुकानें अभी बंद हैं और अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल बना हुआ है. केंद्रीय मंत्री और नवादा से सांसद गिरिराज सिंह पिछले 2 दिनों से नवादा में ही कैंप कर रहे हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि रामनवमी के दिन दौरान जानबूझकर सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन द्वारा इस पर्व में शामिल लोगों को परेशान किया जा रहा है और शोभा यात्रा को जगह-जगह रोका जा रहा है.
बुधवार देर शाम गिरिराज सिंह जब पटना पहुंचे और शहर में रामनवमी के मुख्य कार्यक्रम स्थल, जहां पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे, वहीं से उन्होंने सरकार के ऊपर अपनी नाराजगी व्यक्त की और धमकी दी कि 7 अप्रैल को नवादा शहर में वह रामनवमी की शोभा यात्रा एक बार फिर निकालेंगे और कहा कि स्थानीय प्रशासन इस शोभायात्रा में बेवजह दखलअंदाजी ना करें.
रामनवमी के दौरान सासाराम और मधुबनी जिलों में भी दो गुटों के बीच छिटपुट विवाद को लेकर पथराव और आगजनी हुई.