
कैराना के क्षेत्राधिकारी (सीओ) प्रदीप कुमार ने कहा, 'तीन भाइयों आसिफ, हाफिज और अनीस के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जो शनिवार को कथित रूप से बंदर के इर्द-गिर्द घूम रहे थे और उनमें से एक ने परिवार के चार लाइसेंसी हथियारों में से एक से बंदर को गोली मार दी.'
पुलिस के अनुसार, बंदर की पीठ पर गोली लगी और इसके कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बंदर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया, जिसके बाद उसे दफना दिया गया.
घटना के बाद बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और खबर फैलते ही उनके साथ ग्रामीण भी जुड़ गए. हालांकि झिंझाना कोतवाल ने किसी तरह उन्हें शांत कराया और आरोपी को गिरफ्तार किया. वन विभाग ने वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की धाराओं में मामला दर्ज किया है, जिसके अंतर्गत 6 महीने की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
बजरंग दल की युवा इकाई के जिला अध्यक्ष सन्नी सरोहा ने कहा, 'अल्पसंख्यक समुदाय के तीन युवकों ने बंदर को गोली मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. उन्होंने कुछ आपत्तिजनक बयान भी दिए हैं. हम उन्हें तत्काल गिरफ्तार किए जाने और उनके हथियारों के लाइसेंस रद्द करने की मांग करते हैं.'