
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से टेरर फंडिंग का काम करने वाला गिरोह पकड़ा गया है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने कहा कि हमने उम्मीद अली, संजय अग्रवाल, शमीम सलमानी समेत एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. इन सबने नेपाली बैंक की बेबसाइट हैक कर 49 लाख रुपया निकाला और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा भेजा. इस गिरोह के एक सदस्य मुमताज की तलाश नेपाल और यूपी पुलिस कर रही है.
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस को जानकारी मिली थी कुछ लोग नेपाल से अवैध रूप से धन मंगाकर भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों तक पहुंचा रहे हैं. 10 अक्टूबर को काफी मात्रा में नेपाल से धनराशि लाई जा रही थी. इस सूचना के आधार एटीएस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने उम्मेद अली निवासी बरेली, संजय अग्रवाल निवासी लखीमपुर खीरी, समीर सलमानी निवासी बरेली और एजाज अली निवासी लखीमपुर खीरी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि मुमताज, फहीम, सिराजुद्दीन और सदाकत अली के कहने पर यह काम कमीशन लेकर करते थे.
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि ये सभी आरोपी विदेशी मुद्रा को नेपाल के बैंकों में जमा करवाते थे. इसके बाद वहां के किसी खाताधारक से वह निकलवाकर भारत लाते थे. यहां नेपाली मुद्रा को भारतीय मुद्रा में बगलवा दिया जाता था. इसमें 6 फीसदी कमीशन मिलता था. आरोपियों के अनुसार, ये रकम बरेली निवासी फईम और सदाकत को दिया जाता था और उनसे कमीशन ले लिया जाता था. फईम और सदाकत इस रकम को दिल्ली पहुंचाते थे.
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि लखीमपुर खीरी टेरर फंडिंग में चन्द्र विजय और बुद्धा नामक दो नेपाली नागरिक भी गिरफ्तार हुए है. इनको मुमताज नाम का व्यक्ति लीड करता था. इनके किसी बड़े आतंकी ग्रुप में शामिल होने की आशंका है. यूपी पुलिस, नेपाल सरकार से भी संपर्क है. फिलहाल इस मामले को एटीएस को ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि संभल से 5 ऐसे लोग है, जो बरसों से लापता है. इन्ही में से एक को सनाउल्ला से भी जोड़ कर पड़ताल होगी.