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इस गांव में तेंदुए की दहशत से बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है

बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रमपुरवा और उदवापुर सहित आधा दर्जन गांवों के लोग तेंदुए की दहशत के साये में जीने को विवश हैं. जंगल से निकल कर गांव की ओर आए तेंदुए नें कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया है.

कम होते जंगलों के कारण शहर में घुस जाते हैं जंगली जानवर कम होते जंगलों के कारण शहर में घुस जाते हैं जंगली जानवर
आदर्श शुक्ला
  • बहराइच,
  • 05 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:24 AM IST

बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रमपुरवा और उदवापुर सहित आधा दर्जन गांवों के लोग तेंदुए की दहशत के साये में जीने को विवश हैं. जंगल से निकल कर गांव की ओर आए तेंदुए नें कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया है. रविवार शाम गन्ने के खेत से निकल कर तेंदुआ ग्राम उदवापुर में स्थित एक बाग में घुस गया जब तक लोग उसे तलाश करते वह सेमल के पेड पर चढ़ गया. देर रात तक वह पेड़ पर बैठा रहा.

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बहराइच शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर थाना हरदी क्षेत्र के रमपुरवा और उदवापुर गांव स्थित है. यहां चारों तरफ आबादी और खेत है. इसके बावजूद एक तेंदुआ रविवार सुबह गांव के पास एक बाग में दिखाई पड़ा . उस समय लोग खेत-खलिहान में काम करने के लिए घर से निकले थे. पहले तो लोगों ने तेंदुए को लकड़बग्गा और अन्य वन्यजीव समझकर नजरंदाज किया लेकिन तेंदुआ बाद में पेड़ पर चढ़ गया. इस पर वहां मौजूद मजदूरों ने उसे काफी नजदीक से देखा और भगदड़ मच गई. सूचना पाकर भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए.

पिछले कुछ दिनों से तेंदुए की दहशत के चलते लोगो नें अपनें बच्चो को स्कूल भेजना बन्द कर दिया है. दहशत का आलम यह है कि लोग अकेले खेतों में नही जाते हैं. स्थानीय ग्रामीण तेंदुए को पकड कर जंगल में छुडवानें की मांग कर रहे है. वह वन विभाग पर शिथिलता का आरोप लगा रहे है. दूसरी ओर वन क्षेत्राधिकारी का कहना है कि यह तेंदुआ कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र से भटक कर यहां तक पहुच गया है. ग्रामीणो की भीड हटनें के बाद यह वापस अपनें प्राकृतिक वास कतर्नियाघाट जंगल में चला जायगा. जबकि तेदुए की आमद से दहशत जदा ग्रामीण तेंदुवें को पकड कर जंगल में छोडनें की मांग कर रहे है.

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