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तमिलनाडु: आजमाइश का वक्त

आरके नगर विधानसभा सीट का मुकाबला एआइएडीएमके का भविष्य तय करेगा.

ओ. पन्नीरसेल्वम और दीपा जयकुमार मरीना बीच पर ओ. पन्नीरसेल्वम और दीपा जयकुमार मरीना बीच पर
अमरनाथ के. मेनन
  • चेन्नै,
  • 27 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST

हाल तक राधाकृष्ण (आरके) नगर विधानसभा सीट की नुमाइंदगी जे. जयललिता करती थीं. अब इस पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होने जा रहा है. यह तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री की सियासी विरासत को लेकर चल रही तीखी लड़ाई का भी निर्णायक फैसला कर सकता है. इस उपचुनाव में सजायाफ्ता वी.के. शशिकला और ओ. पन्नीरसेल्वम की अगुआई वाले एआइएडीएमके के दो धड़ों के बीच बड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. इसी से तय होगा कि पार्टी के समर्थन आधार पर किस धड़े का वर्चस्व है. यह उपचुनाव ऐसे वक्त हो रहा है जब जयललिता के पोएस गार्डन के घर और पार्टी की दूसरी संपत्तियों पर प्रतिस्पर्धी दावे किए जा रहे हैं. इनमें पार्टी का जाना-पहचाना 'दो पत्तियों' का चुनाव चिन्ह भी शामिल है.

विश्लेषकों का कहना है कि यह चुनाव चिन्ह किसी भी धड़े को मिलने की संभावना नहीं है, क्योंकि चुनाव आयोग जो भी फैसला करेगा, उसे अदालत में चुनौती दिया जाना तय है. इस वजह से आरके नगर की चुनावी लड़ाई और भी तीखी हो सकती है.

इस निर्वाचन क्षेत्र के असरदार पूर्व विधायक दोनों ही खेमों में हैं. पी. वेत्रिवेल, जिन्होंने 2015 में जयललिता के लिए यह सीट खाली की थी, शशिकला धड़े की अगुआई कर रहे हैं. वहीं ई. मधुसूदनन, जो शशिकला के कमान संभालने के पहले तक पार्टी की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे, ओपीएस के साथ हैं. जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने भी मुकाबले में उतरकर लड़ाई को और रोचक बना दिया है. वे जोर देकर कहती हैं कि उन्होंने तो ''पहले दिन से ही उपचुनाव लडऩे के इरादे' का ऐलान कर दिया था. उन्होंने यह भी कहा है कि वे डीएमके और शशिकला के धड़े को छोड़कर सभी का समर्थन स्वीकार करेंगी. वे उम्मीद कर रही हैं कि ओपीएस उन्हें चुनाव लड़वाएंगे.

ओपीएस इस उपचुनाव को अपनी साख साबित करने के मौके के तौर पर देख रहे हैं. अभी उन्होंने तय नहीं किया है कि वे किसी तपे-तपाए नेता को उपचुनाव में उतारें या एक सियासी नौसिखुए का समर्थन करें, जिसका जयललिता से खून का रिश्ता रहा है. कई लोगों का मानना है कि आखिर में जयकुमार का समर्थन करने के अलावा ओपीएस के सामने कोई और चारा शायद नहीं है.

इससे डीएमके नेता खासे खुश हो रहे हैं. वे 2001 से यह सीट लगातार हारते रहे हैं. लिहाजा डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्तालिन अब इसमें मौका ताड़ रहे हैं. वे कहते हैं, ''लोकतंत्र में भरोसे की बहाली के लिए और इस प्रोक्सी सरकार को सबक सिखाने के लिए सभी विरोधी दलों को डीएमके उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए.'' पार्टी ने चुनाव आयोग से चेन्नै के पुलिस आयुक्त एस. जॉर्ज के 'एआइएडीएमके समर्थक' रुख के चलते उनका तबादला करने की अपील की है.

इस बीच, भाजपा की नातजुर्बेकार तमिलनाडु इकाई द्रविड़ पार्टियों के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करने के मंसूबे बना रही है. प्रदेश भाजपा प्रमुख तमिलिसाई सुंदरराजन मुकाबले में उतरने के लिए तैयार हैं, पर विश्लेषकों का कहना है कि इससे सिर्फ इतना होगा कि एआइएडीएमके विरोधी वोट और ज्यादा बंट जाएंगे.

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