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बढ़ी भारत की ताकत, S-400 डिफेंस सिस्टम का ट्रायल पूरा, PAK-चीन आएंगे रेंज में

इस डिफेंस सिस्टम के दायरे में पाकिस्तान का पूरा हवाई क्षेत्र और चीन का कुछ हवाई क्षेत्र आएंगे. चीन ने इस तरह का डिफेंस सिस्टम पहले से ही तैनात कर रखा है. S-400 डिफेंस सिस्टम मिलने से भारतीय वायुसेना की क्षमता में कई गुना इजाफा होगा

भारत को जल्द मिलेंगे रूसी डिफेंस सिस्टम S-400 भारत को जल्द मिलेंगे रूसी डिफेंस सिस्टम S-400
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

भारतीय वायुसेना ने रूसी S-400 डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण कर लिया है और अब जल्द ही यह रूस से भारत को मिल जाएगा. यह भारत के रक्षा क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगा. S-400 डिफेंस सिस्टम से फाइटर एयरक्राफ्ट, सर्विलांस एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को 400 मीटर के दायरे में दुश्मन के हवाई क्षेत्र में ही मार गिराने में सक्षम है. भारत की योजना रूस से पांच S-400 डिफेंस सिस्टम हासिल करने की है.

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इस डिफेंस सिस्टम के दायरे में पाकिस्तान का पूरा हवाई क्षेत्र और चीन का कुछ हवाई क्षेत्र आएंगे. चीन ने इस तरह का डिफेंस सिस्टम पहले से ही तैनात कर रखा है. S-400 डिफेंस सिस्टम मिलने से भारतीय वायुसेना की क्षमता में कई गुना इजाफा होगा. सरकारी सूत्रों ने मेल टुडे को बताया कि रूसी एयर डिफेंस सिस्टम S-400 का फील्ड इवैल्युएशन परीक्षण हो चुके हैं. भारतीय वायुसेना ने रूस में इसका सफल परीक्षण किया.

यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस सिस्टम का बेहतर इस्लेमाल कर सकेगा. चीन के पास पहले से ही ये डिफेंस सिस्टम मौजूद है. पर अब ये हमें भी मिल जाएगा. ऐसे में  चीन को टक्कर देने में आसनी होगी. चीन ने भी रूस से ही यह डिफेंस सिस्टम खरीदा था. फिलहाल चीन की आर्मी इसका इस्तेमाल करती है.  मालूम हो कि भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की ओर से भी मिसाइल हमलों और हवाई हमलों का ख़तरा रहता है. इसलिए एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली की बहुत काम आ सकती है. 

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क्या है S-400 Triumf डिफेंस सिस्टम की खासियत

 - S-400 Triumf, एक विमान भेदी मिसाइल है. - S-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी.

- इन डिफेंस सिस्टम से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है .

- ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. इसके पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी कैपिसिटी है.

- इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं.

- मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है.

- पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा. यह एक तरह का मिसाइल शील्ड है.

 

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