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शीतकालीन सत्र के चौथे दिन संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी और पटना-इंदौर एक्सप्रेस हादसे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला. जबरदस्त हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री किसी फैसले पर अपने मंत्रियों से कुछ नहीं पूछते, जो उनके मन में आता है कर देते हैं.'
राहुल ने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर पीएम को घेरते हुए ये भी कहा कि 'पीएम के जो 15-20 लोग हैं उनकी तिजोरी भरेगी, बैंक लोन माफ होंगे. हमारे लाइन में लगे गरीब लोगों को नुकसान होगा.'
इतना ही नहीं पटना-इंदौर एक्सप्रेस हादसे को लेकर राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि 'बुलेट ट्रेन की बात करने वाले पीएम मोदी, रेल की पटरियों के रखरखाव और सुरक्षा की बात क्यों नहीं करते?' राहुल ने पीएम मोदी की सदन में गैरमौजूदगी पर हमलावर अंदाज में कहा कि 'पीएम को सदन में आने की क्या जरूरत है वो तो आज कल किसी और लेवल पर ही हैं.'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही में खलल डालने के लिए रोज नए पेंतरें अपना रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष बहस के लिए तैयार ही नहीं है.
नोटबंदी पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए विपक्ष के सभी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों की बैठक सोमवार सुबह बैठक हुई. बैठक के बाद नोटबंदी को लेकर संसद के गेट पर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
सोमवार सुबह हुई विपक्ष की बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, बीएसपी नेता सतीश मिश्रा, आरजेडी नेता जय प्रकाश नारायण, पीसी गुप्ता, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन और जेडीयू नेता शरद यादव शामिल हुए. वहीं कांग्रेस ने लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव भी दिया है. इसी सिलसिले में कांग्रेस ने अपने सदस्यों को व्हिप भी जारी किया है.जाहिर है संसद में सोमवार को भी हंगामे के पूरे आसार हैं.
हालांकि विपक्ष पहले ही केंद्र सरकार पर नोटबंदी की जानकारी लीक करने का आरोप लगा चुका है और संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया है. उधर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के रुख को देखते हुए अपने सभी सांसदों को सदन में मोजूद रहने को कहा है.
16 नवम्बर से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है जिसके बाद से ही नोटबंदी के मुद्दे पर कई बार सदन में हंगामे के कारण कोई काम नहीं हुआ. विपक्ष मांग कर रहा है कि नोटबंदी फ़ैसले पर नियम 56 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया जाए और फिर उसपर चर्चा हो. जबकि सरकार नियम 193 के तहत चर्चा करना चाहती है.
अगर नियम 56 के तहत अगर चर्चा हुई तो वोटिंग के समय राज्यसभा में सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी. वहीं शनिवार को सरकार ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों से 21, 22 और 23 नवंबर को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है. सरकार के इस फ़ैसले से ऐसा लगता है कि सरकार सदन में हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है.