
मालदा के गोपालगंज में सड़कों के किनारे दूर-दूर तक हरियाली नजर आती है लेकिन यहां सब्जियों की नहीं बल्कि अफीम की खेती होती है.
यहां हर तरफ हाथों में हथियार लहराते लोगों ने प्रशासन के हाथों में हथकड़ियां पहना दी है. हाल ही में कालीचक की घटना से पूरा देश सन्न है लेकिन यहां के हालात की गहराई सिर्फ प्रशासन की जानती है. कहना गलत नहीं होगा कि ये क्षेत्र भारत का अफगानिस्तान बन गया है. जहां फल रहे ड्रग और हथियारों का व्यापार ने अपराध को हद से ज्यादा पनाह दे दी है.
पश्चिम बंगाल की इंटेलिजेंस ब्रांच के निदेशक राज कनोजिया ने कहा, 'ये सच है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद होने की वजह से ये इलाका गैर कानूनी ड्रग व्यापार और जाली नोट बनाने वाले रैकेट का मुख्य केंद्र है.' उन्होंने आगे कहा, 'खासतौर पर कालीचक हिंसा के बाद जिला प्रशासन इस मामले पर नजर रख रहा है. प्रशासन ने इसपर उचित एक्शन लिया है और पुलिस की छानबीन की घटनाओं के बाद ये दोगुना हो जाएगी.'
नियोजित थी कालीचक हिंसा
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि 3 जनवरी को हुई कालीचक हिंसा अखिल भारत हिंदू महासभा नेता कमलेश तिवारी की आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन के
बहाने एक धर्म विशेष द्वारा जान-बूझकर की गई घटना थी. इस हिंसा में करीब 35 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया और कालीचक पुलिस स्टेशन को आग लगा दी गई.
पुलिस से बदला लेने की कोशिश
अपना नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'पूरी हिंसा, स्थानीय प्रशासन को आतंकित करने के लिए की गई थी, ताकि पुलिस से बदला लिया जा
सके और पुलिस स्टेशन में रखे अहम सबूतों को नष्ट किया जा सके.'
फल-फूल रहा है कि अवैध कारोबार
गोपालगंज, कालीचक, मोहब्बतपुर, मोठाबारी और दांगा जैसे इलाके राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के मुख्य केंद्र हैं और इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ ड्रग के बढ़ रहे व्यापार का
है. चाहे बाद नकली नोटों की हो, अवैध प्रवासन की हो या ड्रग और हथियारों की सप्लाई की हो, मालदा इसका हब बन रहा है.
पिछले एक साल से जिला पुलिस, बीएसएफ के साथ मिलकर इलाके में क्राइम रेट कम करने की कोशिश कर रही है. इसके चलते ही कालीचक हिंसा हुई है. कालीचक पुलिस स्टेशन में लगे सीसीटीवी की फुटेज से आरोपियों की पहचान की जा रही है.