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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में किसानों की समस्याओं पर भाषण देते हुए मोदी सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने यूपीए और मोदी सरकार के दौर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की तुलना पेश की और मोदी सरकार पर आरोप लगाए.
राहुल ने कहा, 'सब कुछ उस नींव से बनता है जो किसान मुहैया कराते हैं. किसानों ने हमें 'हरित क्रांति' दी. लेकिन 'अच्छे दिनों' वाली सरकार ने देश को नाकामी के गर्त में धकेल दिया है.' उन्होंने फसल नुकसान के अलग-अलग आंकड़े के आधार पर केंद्र सरकार को घेरा और प्रधानमंत्री को खुद मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लेने की नसीहत दे डाली.
पहले गिरिराज पर हुआ बवाल
संसद में सोमवार को बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू तो हुआ, लेकिन विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. गिरिराज सिंह पर हंगामा के बाद सरकार ने संशोधित भूमि बिल को दोबारा पेश किया, जिसके बाद विपक्ष ने किसानों के हित में नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामा बढ़ने के बाद कार्यवाही को एक बार फिर स्थगित करना पड़ा.
सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने सोनिया गांधी के खिलाफ गिरिराज सिंह के बयान को मुद्दा बनाया. हंगामा हुआ. कार्यवाही स्थगित हुई, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने बयान पर माफी मांगी.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद लोकसभा में कहा, 'मेरी मंशा किसी के अपमान की नहीं थी. मेरी बातों से अगर किसी को दुख पहुंचा है तो मैं इसके लिए खेद प्रकट करता हूं.' गौरतलब है कि सिंह इससे पहले सदन के बाहर भी अपने बयान पर माफी मांग चुके हैं.
इससे पहले कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री और नेता मुसलमानों के मताधिकार का मुद्दा उठाते हैं. गिरिराज सिंह मंत्री हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रंग को लेकर अशोभनीय टिप्पणी करते हैं. सिंधिया ने कहा, 'हमारे देश में महिलाओं को पूजा जाता है. लेकिन सरकार के मंत्री अशाेभनीय टिप्पणी करते हैं. प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह माफी मांगे.'
सरकार का जवाब
केंद्र सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसी किसी भी टिप्पणी की सरकार घोर निंदा करती है. सरकार इस ओर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है. ऐसे में प्रधानमंत्री को बीच में लाने की कोई जरूरत समझ नहीं आती.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें भी मंत्री की टिप्पणी अशोभनीय लगी. महाजन ने कहा, 'मैं सभी दलों से अपील करती हूं कि वह अपने नेताओं को समझाएं कि वह अनर्गल बयानबाजी न करें.' स्पीकर ने भी विपक्ष से कहा कि पीएम को बीच में लाने की कोई जरूरत नहीं है.
संसद की कार्यवाही से पहले पीएम मोदी लैंड बिल को लेकर सीनियर मंत्रियों के साथ रणनीति पर भी बात की. संसद भवन पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने कहा, 'बजट सत्र का पिछला चरण बहुत सफल और सकारात्मक रहा था. विपक्ष ने सरकार का सहयोग किया था. मुझे उम्मीद है कि आज से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में भी सरकार को विपक्ष का सहयोग मिलेगा. मुझे पूरा विश्वास है कि दूसरे चरण में भी उच्च स्तर की रचनात्मक चर्चाएं होंगी. संसद में ज्यादा काम होने लगा है.'
दूसरी ओर, रविवार को कांग्रेस की किसान रैली ने सीधे तौर पर संकेत दिए हैं कि विपक्ष
बजट सत्र के दूसरे चरण में भी भूमि बिल के अध्यादेश पर केंद्र सरकार को
घेरेगी. कांग्रेस के साथ ही जनता परिवार के दल भी बिल पर नरेंद्र मोदी
सरकार का विरोध करेंगे. बेमौसम बारिश से बर्बाद हुए किसानों की नाराजगी झेल
रही सरकार के लिए लैंड बिल पास कराना टेड़ी खीर साबित हो रही है.
गूंजेगा मसरत का मसला
संसद में सोमवार को अलगाववादी नेता मसरत आलम को लेकर भी हंगामा हो सकता है. संभव है विपक्ष मसरत के मसले पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग करे. पिछले दिनों मसरत के पाकिस्तान परस्ती नारे से काफी हंगामा बरपा था. देशद्रोह का केस दर्ज होने के बाद उसे फिर से जेल भी भेजा गया है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 59 दिनों की छुट्टी के बाद पहली बार संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे. इसके बाद शाम साढ़े 6 बजे कांग्रेस संसदीय दल की बैठक है, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे.