
कोंकण रेलवे के बाद पटना से हाजीपुर के बीच बने रेल ब्रिज पर रोल ऑन रोल ऑफ सेवा को रेलवे ने बुधवार से शुरू कर दिया है. गंगा नदी पर 4.56 किलोमीटर लंबे इस रेल ब्रिज के बन जाने से रेल यात्रियों के बाद अब मालगाड़ियों में ट्रकों का आवागमन आसान हो गया है.
उत्तर और दक्षिण बिहार को होगा सीधा संपर्क
इसके साथ ही उत्तर से दक्षिण बिहार का संपर्क भी सीधा बन गया है. इससे भी बड़ी बात अब ट्रकों को मोकामा तक चक्कर नहीं लगाना होगा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रोल ऑन रोल ऑफ सेवा की शुरुआत राजधानी दिल्ली में रेल भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की. ब्रिज के जरिए एक मालगाड़ी पर 44 ट्रक लोड कर उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन किया जा सकेगा.
पटना के बिहटा से मुजफ्फरपुर के तुर्की तक जाएगी रेक
ट्रकों को पटना के बिहटा से लोड कर मुजफ्फरपुर के तुर्की रेलवे स्टेशन पर उतारा जा सकेगा. वापसी में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. कुल 88 किलोमीटर की दूरी रेलमार्ग से पार कर ट्रक को फिर से रोड पर उतार कर आगे ले जाना आसान हो गया है. एक रेक हर दिन 3 ट्रिप लगाएगा.
सामान भेजने पर घटेगा कारोबारियों का खर्च
इस सेवा के शुरू होने से पहले ट्रक से सामान भेजने पर उसे मोकामा के जरिए राजेंद्र पुल से निकाला जाता था. उसमें भी ब्रिज की सुरक्षा के लिए वजन निर्धारित होते थे. इसकी वजह से सामान भेजना महंगा पड़ता था . वहीं हाजीपुर-पटना के बीच बने गांधी सेतू के मरम्मत का काम इतने सालों से चल रहा है कि वहां से माल ढुलाई में भी वजन को ध्यान में रखना पड़ता था.
नए रूप में विकसित हो सकेगा छपरा
इस ब्रिज से रोल ऑन रोल ऑफ सेवा बहाल होने से छपरा नए रूप में विकसित हो सकेगा. अब गोरखपुर, मुगलसराय या झाझा में सामान उतार कर सड़क मार्ग से लाने की जरूरत नहीं होगी. अब इसे सीधा सोनपुर और छपरा में उतारा और चढ़ाया जा सकता है.