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CAA की कोई एक धारा बता दो जिसमें किसी की भी नागरिकता जाना दूरबीन से भी दिख जाए: शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं आज भी सभी मुसलमान भाइयों एवं बहनों को स्पष्ट कर दूं कि नागरिकता छीने जाने की बात सिर्फ अफवाह है. सीएए किसी की नागरिकता लेने का कानून नहीं है यह नागरिकता देने का कानून है. सभी पार्टी एक होकर कहे कि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी.

अमित शाह ने कहा CAA के नाम पर अशांति नहीं फैलाएं (फाइल फोटो) अमित शाह ने कहा CAA के नाम पर अशांति नहीं फैलाएं (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

  • मुस्लिम समुदाय के बीच CAA को लेकर फैलाई गई अफवाह: शाह
  • शाह बोले- सिब्बल बताएं कि कानून में नागरिकता लेने की बात कहां

राज्यसभा में गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा और नागरिकता कानून को लेकर सभी सवालों के जवाब दिए. इस दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद, कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा समेत और डेरेक ओ ब्रायन से कहा कि वो अगले एक दो दिनों में जब भी चाहें उनसे मिलकर इस विषय पर चर्चा कर लें.

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राज्यसभा में शाह ने कहा कि हेट स्पीच सीएए लाने के तुरंत बाद शुरू हो गया था. पूरे देश में खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच यह फैलाया गया कि इस कानून से लोगों की नागरिकता चली जाएगी. इस सदन में मैंने सभी पार्टी के नेताओं को बताया था कि मुझे कोई धारा बता दो जिसके तहत किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान हो. दूरबीन से भी कोई ऐसी धारा दिखती हो जिसके तहत नागरिकता जाने की बात कही गई हो तो बता दो.

उन्होंने कहा कि मैं आज भी सभी मुसलमान भाइयों एवं बहनों को स्पष्ट कर दूं कि नागरिकता छीने जाने की बात सिर्फ अफवाह है. सीएए किसी की नागरिकता लेने का कानून नहीं है यह नागरिकता देने का कानून है. सभी पार्टी एक होकर कहें कि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. अगर सभी एक होकर ऐसा कहें तो दंगे नहीं होंगे. ऐसी चीजों को लेकर राजनीति करना ठीक नहीं है.

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उन्होंने आगे कहा, "कपिल सिब्बल साहब सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं आप बता दें कि इस कानून में कहां पर नागरिकता लेने की बात कही गई है." इसके जवाब में कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि हम ऐसा नहीं कह रहे हैं कि इस बिल के आने से लोगों की नागरिकता छिनेगी. कानून यह कहता है कि जब एनपीआर होगा, उसमें दस सवाल और पूछे जाएंगे. जो राज्य सरकार का अध्यक्ष है वो उनसे जाकर पूछेगा और अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाएगा तो वहां पर 'D' लगा दिया जाएगा. यानी कि डाउटफुल.

उसके बाद पूछताछ होगी. इसमें मुसलमानों की बात नहीं है, इसमें गरीब, शोषित और दलित लोगों को दिक्कत पेश आएगी. ये सभी लोगों के लिए है.

जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं आपके सारे आपत्तियों का जवाब दे देता हूं. मैं पहले भी कह चुका हूं, एक बार फिर से कह रहा हूं एनपीआर (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) में किसी से कोई कागजात नहीं मांगे जाएंगे. दूसरा, आप जितनी जानकारी देना चाहें दे सकते हैं, आप अपना फैसला लेने के लिए आजाद हैं. पूरी जानकारी ऑप्शनल है. इस पर कांग्रेस के लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह 'ऑप्शनल' है?

और पढ़ें- दिल्ली हिंसाः लोकसभा में अमित शाह के भाषण की 10 बड़ी बातें

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इसके जवाब में शाह ने कहा कि मैं अभी सदन में हूं. यहां स्पष्ट कर देता हूं कि किसी से कोई कागज नहीं मांगे जाएंगे. जितनी जानकारी हो उतनी ही दें. मैं बतौर गृह मंत्री देश के लोगों को स्पष्ट कर दूं कि किसी के नाम में 'D' नहीं लगेगा.

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