
भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु. ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह की परिभाषा एक दूसरे से अलग होती है. आइए जानें, राहु ग्रह के बारे में...
- राहु तमस असुर है.
- राहु काल को अशुभ माना जाता है.
- राहु, आरोही/उत्तर चंद्र आसंधि के देवता हैं.
-राहु, राक्षसी सांप का मुखिया है.
- हिन्दू शास्त्रों के अनुसार राहु सूर्य या चंद्रमा को निगलते हुए ग्रहण को उत्पन्न करता है.
- राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया. छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है.
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- राहु को चित्रकला में एक ड्रैगन के रूप में दर्शाया गया है जिसका कोई सिर नहीं है और जो 8 काले घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले रथ पर सवार हैं.
- धर्मस्थान पर राहु का रूप साफ-सफाई करने वाले व्यक्ति के रूप में होता है.
राहु के दोषों से ऐसे पाएं लाभ-
- राहु के दोषों में लाभ पाना है तो घर में रॉक सॉल्ट लैंप रखें.
- अगर राहु परेशान कर रहा है तो उस स्थिति में प्रतिदिन रात्रि के समय सोने से पहले गुनगुने पानी में नमक मिलाएं और उस पानी से हाथ-पैर धोकर फिर सोएं.
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- राहु का परिवर्तन और दुर्घटनाओं के कारक भी होते हैं. ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी घटनाएं अशुभ हों, कुछ घटनाएं शुभ भी होती हैं.
- राहु एवं केतु की शांति के लिए तारा सहस्रनाम के पाठ कर सकते हैं.
- कुंडली में राहु विपरीत होने पर ससुराल वालों को प्रसन्न रखना चाहिए
प्रज्ञा बाजपेयी