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इन 5 चीजों के नुकसान को न करें नजरअंदाज...

स्वास्थ्य की छोटी बड़ी परेशानी के लिए क्या आप भी आयुर्वेद या फिर घरेलू नुस्खों पर ज्यादा विश्वास करते हैं तो विज्ञान के इन फैक्ट्स को जान लेना बहुत जरूरी है...

घरेलू उपायों का उपयोग ज्यादा करने से बचें घरेलू उपायों का उपयोग ज्यादा करने से बचें
वन्‍दना यादव/दमयंती दत्ता
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2016,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST

सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान अक्सर ही हमें किचन में मौजूद मसालों या फिर सब्जियों में मिल जाता है. आयुर्वेद भी इन उपायों और जड़ी-बूटी के उपयोग को सही मानता है लेकिन वैज्ञानिक इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं होते हैं. साइंस का मानना है कि हर औषधि‍ शरीर के लिए फायदेमंद होती है इस बात को नहीं माना जा सकता है.

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क्या कहती है स्टडी?
वैज्ञानिकों का मानना है कि आयुर्वेद पूरी तरह से सुरक्षित है—यह एक मिथक है. प्राचीन शोधों में यह दावा कभी नहीं किया गया कि आयुर्वेदिक दवाइयों के दुष्प्रभाव नहीं हैं या उन्हें विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के बगैर लिया जा सकता है.
हार्वर्ड में 2008 में हुए शोध में पता चला कि ऑनलाइन बिकने वाली हर 5 में से एक भारतीय हर्बल दवा में आर्सेनिक, पारा और सीसे का खतरनाक स्तर है. इन्हें पैकेटबंद नहीं किया जाना चाहिए.

आइए जानें, घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होने वाली इन पांच चीजों के बारे में...

मेथीदाना
मेथीदाना का उपयोग डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है. माना जाता है कि इसमें मौजूद सैपोनिन्स भोजन के बाद कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करके इंसुलिन के स्तर को बेहतर बनाता है.
नुकसानः इससे गैस, सूजन और दस्त की समस्या हो सकती है और इससे खून पतला होने का जोखिम भी रहता है.

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दालचीनी
दालचीनी में मौजूद हाइड्रॉक्सीकेलकोन, माना जाता है कि यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाता है और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है.
नुकसानः इसमें कॉमरिन पाया जाता है जो लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है.

गुड़मार/गिलोय
माना जाता है कि इनमें मधुमेह से लड़ने के गुण होते हैं और चीनी खाने की इच्छा को कम करते हैं. इनके बीजों में जंबोलाइन नाम का केमिकल पाया जाता है जो रक्त और यूरिन में मौजूद शुगर को कम करता है.
नुकसान: ज्यादा सेवन करने से यह शुगर लेवल प्रभावित कर पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है.

जामुन
बताते हैं कि यह मधुमेह से लड़ता है और इसके बीजों में जंबोलाइन नामक रसायन पाया जाता है जो शुगर लेवल को कम करता है.
नुकसान: इसका ज्यादा सेवन करने से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है.

करेला
मान्यता है कि इसका रस ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है.
नुकसान: पाचन तंत्र को खराब कर सकता है और इससे एलर्जी भी हो सकती है.

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