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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिन के चीन दौरे पर वहां पहुंच चुके हैं. एशिया की दो सबसे ताकतवर देश होने के चलते पूरी दुनिया की नजर प्रधानमंत्री के चीन दौरे पर हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि मोदी के इस दौरे से भारत को कौन से पांच फायदे हो सकते हैं.
1. 20 समझौतों पर होंगे दस्तखत
भारत और चीन
20 से ज्यादा व्यापारिक समझौतों पर दस्तखत करेंगे. इसमें कोई शक नहीं कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से सबसे ज्यादा फायदा आर्थिक मोर्चे पर होगा. चीन भारत में 10 अरब डॉलर का और निवेश करने जा रहा है. खास बात यह है कि यह निवेश उस 20 अरब डॉलर के निवेश से अलग होगा, जो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सितंबर, 2014 के भारत दौरे पर किया था.
2. दोनों देशों के संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं कि भारत और चीन कैसे परस्पर विश्वास एवं भरोसे को आगे मजबूत कर सकते हैं ताकि संबंध की पूर्ण क्षमता का दोहन हो सके. उन्होंने कहा, मैं हमारे आर्थिक संबंधों को गुणात्मक रूप से उन्नत बनाने के लिए रूपरेखा तैयार करने और बदलते भारत की आर्थिक प्रगति खासकर विनिर्माण क्षेत्र एवं बुनियादी ढांचे के विकास में चीन की व्यापक भागीदारी को लेकर उत्सुक हूं.
3. वन बेल्ट, वन रोड
चीन 'वन बेल्ट, वन रोड' की परियोजना शुरू कर चुका है और मोदी के इस दौरे पर इस मुद्दे पर दोनों देशों के सहयोग की संभावनाएं तलाशी जाएंगी. यह फिर से उभरते एशिया की मांग है और यह उन मुद्दों में शामिल होगा जिन पर वह चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा की उम्मीद करते हैं. चीन की शीर्ष आर्थिक योजना एजेंसी नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन ने 28 मार्च 2015 को एक नई कार्य योजना वन बेल्ट, वन रोड पहल जारी की थी. इस पहल के माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने के लिए नए मार्ग स्थापित किए जाएंगे.
4. समुद्री सिल्क रूट
चीन की समुद्री रेशम मार्ग (MSR) परियोजना पर भारत और चीन के निवेश पर भी बात होगी. चीन अपनी इस महत्वकांक्षी परियोजना को 40 अरब डॉलर के बजट के साथ तीन महीने पहले लॉन्च भी कर चुका है.
5. करीबी बढ़ाने का मोदी का फॉर्मूला
दो साल पहले शी के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब वह बीजिंग के बाहर किसी विदेशी नेता का स्वागत करेंगे और मोदी के साथ अनौपचारिक तौर पर संवाद के लिए इतना वक्त गुजारेंगे. प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की अपनी पहली यात्रा पर जा रहे मोदी शिखर सम्मेलन के लिए सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर एक असाधारण कदम के तहत राष्ट्रपति शी चिनफिंग के गृह शहर, प्राचीन नगरी शियान पहुंचेंगे. पिछले साल सितंबर में भारत दौरे के दौरान मोदी ने भी चीनी नेता का अहमदाबाद में स्वागत किया था. राष्ट्रपति के गृह नगर में मोदी के दौरे से दोनों नेताओं के निजी संबंध और मजबूत होंगे, जिसका फायदा दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों में भी देखा जाएगा.