सीपीएम के दिग्गज सोमनाथ चटर्जी को 1984 के आम चुनाव में पराजित करके ममता बनर्जी पहली बार सुर्खियों में आई थीं. उसके बाद से वे सार्वजनिक चकाचौंध से कभी ओझल नहीं हुईं, अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल और नई दिल्ली में परिस्थितियों की मांग के आधार पर वे कभी अटल बिहारी वाजपेयी की बीजेपी के साथ और कभी सोनिया गांधी की कांग्रेस के साथ गठबंधन करती रही हैं. वे अपनी धुन की पक्की हैं और खासकर मीडिया के सामने उन्हें अपने झक्कीपन का अजहार करना मानो भाता है. लेकिन वे नरमदिल और स्नेहिल भी हैं. कोलकाता में पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय में अपने कार्यालय में सीनियर राइटर ज्योति मल्होत्रा के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने फोटो खिंचवाने से यह कह कर इनकार कर दिया कि श्मैं सेल्फी नहीं हूं, मैं हेल्पी हूं.’’ कुछ अंशः
लोग कह रहे हैं कि टीएमसी की जमीन खिसक रही है.
कौन कह रहा है? चारों ओर देखिए. सीपीएम को लोकसभा में सिर्फ दो सीटें मिली हैं. क्या फर्क पड़ता है अगर उन्हें 29 प्रतिशत वोट मिले हैं? आम चुनाव में कांग्रेस की भारी पराजय हुई है, अब उसकी क्या साख बची है? अब टीएमसी के अलावा बीजेपी का मुकाबला कौन करेगा? बंगाल में सिर्फ बीजेपी और एबीपी (समूह) वाले दुखी हैं, और वे मिलकर मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं.
बीजेपी बंगाल में आगे बढ़ रही है.
उनके पास पैसे, माफिया और निजी मीडिया के एक हिस्से की ताकत है.
पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना इतना मुश्किल क्यों है?
बंगाल की अर्थव्यवस्था को नकारात्मक रवैए ने नष्ट कर दिया है. जो कुछ भी मैं कमाती हूं, उसमें से भारतीय रिजर्व बैंक 26,000 करोड़ रु. हर वर्ष ऋण पर ब्याज के रूप में ले लेता है. यह पिछली सरकार की विरासत है. बंगाल इस कर्ज का भुगतान क्यों करे? यह एक नई सरकार है. अगर मेरे पास पैसे नहीं होंगे, तो मैं सरकार कैसे चलाऊंगी? लेकिन हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं और मुझे यह कहने में गर्व है कि कर राजस्व दोगुना हो गया है और हमारी सकल घरेलू उत्पाद दर देश में सबसे ज्यादा है.
लोग निवेश करने को तैयार नहीं हैं.
कौन कहता है कि निवेश नहीं हो रहा है? हमारा सेवा क्षेत्र दोगुना हो गया है. उत्पादन क्षेत्र में सीपीएम के राज में काफी गिरावट आई थी, लेकिन हम इसे पुनर्जीवित कर रहे हैं. बाकी देश की ओर देखिए... वहां गिरावट क्यों आ रही है? आप मुझसे क्यों पूछ रही हैं? हमें तो सीपीएम की छोड़ी विरासत से निबटना है. पहले अरुण जेटली से राष्ट्रीय गिरावट के बारे में पूछिए.
भ्रष्टाचार पर लोगों की राय बरकरार है.
यह मीडिया की पैदाइश है. मुझे भ्रष्टाचार का एक मामला दिखाइए.
जैसे कि शारदा घोटाला.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 130 अन्य कंपनियां भी इस चिटफंड घोटाले में शामिल थीं, लेकिन सीबीआइ उनकी जांच नहीं कर रही है. क्यों?
मुकुल रॉय को सीबीआइ ने क्यों तलब किया है?
यह राजनैतिक बदला भंजाने की कार्रवाई है. बीजेपी मेरे संगठन को कमजोर करने और मुझे बदनाम करने के लिए सीबीआइ का इस्तेमाल कर रही है. अमित शाह गुजरात में हत्या के मामले में फंसे थे, उन्हें सीबीआइ से क्लीन चिट कैसे मिली?
क्या बीजेपी यह सब आपकी सरकार को अस्थिर करने के लिए कर रही है?
मैं एक आंदोलन से निकली हूं. वे मुझे अस्थिर नहीं कर सकते.
तो बीजेपी आपके खिलाफ यह सब क्यों कर रही है?
राजनैतिक बदले की भावना से. टीएमसी सबसे ईमानदार और पारदर्शी पार्टी है. बीजेपी एक बड़ी, भ्रष्ट पार्टी है, और फिर भी वे हमारे बारे में बात कर रहे हैं! और प्रेस पूछ रही है, सीबीआइ ऐसा क्यों कर रही है?
लेकिन मुकुल रॉय ने खुद कहा है वह सुदीप्तो सेन से मिले थे.
उन्होंने ऐसा कहां कहा?
यह अखबारों में है.
अखबार उन्हें गलत ढंग से पेश कर रहे हैं. मीडिया खराब है. अवीक सरकार एक षड्यंत्रकारी है. क्या आप उनका नाम लिख सकती हैं? अब वह पश्चिम बंगाल में बीजेपी का बॉस है. वह प्रेस के जरिए लोगों को बरगला रहा है.
अब क्या होगा?
हम राजनैतिक धौंसपट्टी में नहीं आएंगे. हम प्रवर्तन निदेशालय से डरे नहीं हैं. जो कोई भी यह कर रहा है, उसे एक दिन नतीजा भुगतना होगा.
और आप?
वे राजनैतिक तौर पर मुझसे मुकाबला नहीं कर सकते तो सीबीआइ का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे संघीय ढांचे से खिलवाड़ कर रहे हैं. याद रखो, आज तुम्हारा है, तो कल हमारा होगा.