
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर से चोरी होने का मामला सामने आया है. चोर नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका भी अपने साथ ले गए हैं. घर से कुछ और कीमती समान, दस्तावेज गायब हैं. जानकारी के मुताबिक, अभी सत्यार्थी यूएस में हैं.
कब हुई वारदात?
सोमवार रात कैलाश सत्यार्थी के कालका जी स्थित कैलाश कॉलोनी के अरावली अपार्टमेंट में घुसे चोरों ने लाखों के सामान पर हाथ साफ कर दिया. वारदात वाली रात कैलाश सत्यार्थी के घर पर ताला लगा हुआ था. चोरों ने बंद घर का ताला तोड़कर घर में रखे जेवरात और कैश पर हाथ साफ कर दिया. इतना ही नहीं जाते-जाते चोर कैलाश सत्यार्थी के नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका भी अपने साथ ले गए. कैलाश सत्यार्थी फिलहाल विदेश में हैं. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है.
सत्यार्थी को कब मिला था शांति का नोबेल पुरस्कार?
बाल अधिकारों की आवाज उठाने वाले कैलाश सत्यार्थी को दिसंबर 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था. उनके साथ पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की दिशा में काम करने वाली मलाला यूसुफजई को भी संयुक्त रूप से ये सम्मान दिया गया था. बताते चलें कि 'बचपन' नाम की एक एनजीओ के जरिए कैलाश और उनकी टीम बच्चों के अधिकारों के लिए काम करती है.
कौन हैं कैलाश सत्यार्थी?
कैलाश सत्यार्थी सामाजिक कार्यकर्ता और बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष हैं. अब तक 80 हजार से ज्यादा बच्चों की जिंदगी कैलाश सत्यार्थी ने बदली है. 11 जनवरी 1954 को जन्मे कैलाश सत्यार्थी ने भोपाल गैस त्रासदी के राहत अभियान में भी हिस्सा लिया था. 2009 में सत्यार्थी को डेफेंडर ऑफ डेमोक्रेसी अवॉर्ड (अमेरिका) मिला था. 2008 में अलफांसो कोमिन इंटरनेशनल अवॉर्ड (स्पेन) मिला था. 2007 में मेडल ऑफ द इटालियन सेनाटे (Medal of the Italian Senate) सम्मान से नवाजे गए थे. इसके बाद 2014 में उन्हें नोबेल दिया गया था.
टैगोर का नोबेल पुरस्कार भी हो चुका है चोरी
नोबेल पुरस्कार चोरी होने का यह पहला मामला नहीं है. रवींद्र नाथ टैगोर
का नोबेल पुरस्कार भी चोरी हो चुका है. बंगाल में शांतिनिकेतन से रवींद्र
नाथ टैगोर को मिले नोबेल प्राइज, मेडल और अहम कागजातों को चोर उड़ा ले गए
थे. बंगाल सरकार की ओर से इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई थी.