
वर्ल्ड चैंपियनशिप की विजेता और कॉमनवेल्थ खेलों की स्वर्ण पदक विजेता दीपिका कुमारी ने शंघाई में चल रहे तीरंदाजी वर्ल्ड कप में वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की है.
21 साल की दीपिका ने दक्षिण कोरिया की तीरंदाज कि बो-बाई के 720 में 686 के स्कोर की बराबरी कर नया इतिहास रच दिया है. आपको बता दें कि उन्होंने अपनी टीम के साथ पिछले साल ही रियो के लिए जगह बनाई थी.
वैसे यहां तक पहुंचने की उनकी कहानी काफी संघर्ष का नतीजा है.
संघर्ष की कहानी:
दीपिका कुमारी का जन्म 13 जून 1994 में झारखंड राज्य की राजधानी रांची में हुआ था. उनके पिता एक रिक्शाचालक हैं, जिनसे 10 रुपये लेकर दीपिका ने अपनी सफलता का सफर शुरू किया था. आर्थिक तंगी होने के चलते उनके पिता के पास अपनी बिटिया का तीरंदाज बनने का सपना पूरा करने के लिये न तो पैसा था और ना ही समय. वह आखिर में अपनी बिटिया की जिद के आगे झुक गये और आज दीपिका भारतीय तीरंदाजी की चमकती सितारा है.
दीपिका के पिता शिवनारायण के अनुसार, दीपिका किसी जिला स्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेना चाहती थी लेकिन उनके पिता
ने साफ मना कर दिया. दीपिका ने हार नहीं मानी और पिता को उनकी बात माननी
पड़ी. उसे दस रुपये दिए और वह लोहारडंगा में खेलों में भाग लेने चली गयी जहां उसने जीत दर्ज की.’
सफलता का रोचक वाकया:
दीपिका के पिता बताते हैं कि शुरुआती दिनों में एक बार टूर्नामेंट में हारने के बाद वह काफी निराश हो गई थी. मैंने उससे कहा कि वह चिंता न करे मैं उसके लिये धनुष खरीद दूंगा, हालांकि मुझे पता नहीं था कि उसकी कीमत दो लाख रुपये से अधिक होती है.’ आखिर में दीपिका के लिये धनुष भी खरीद लिया गया और वह तीरंदाजी स्कूल में दाखिल हो गयी. इसके बाद दीपिका ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
रिकॉर्ड:
1. इस युवा तीरंदाज ने 2006 में मैरीदा मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में कम्पाउंट एकल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया. ऐसा करने वाली वे दूसरी भारतीय थीं.
2. राष्ट्रमंडल खेलों में महिला तीरंदाजी में दीपिका वर्ष 2010 में धूमकेतू सी चमकी. दीपिका ने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते बल्कि दीपिका ने महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया.
3. अर्जुन अवॉर्ड पा चुकीं 21 वर्षीय दीपिका ने 2011 से 13 तक लगातार 3 वर्ल्ड कप में रजत पदक अपने नाम किए हैं.
4. 2016 में उन्हें राष्ट्रपति ने पद्म श्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.