
अगर आपको लगता है कि मोटापे की वजह से सिर्फ पर्सनैलिटी पर असर पड़ता है तो आप गलत हैं. दरअसल, मोटापे का असर न केवल हमारी पर्सनैलिटी पर पड़ता है बल्कि इससे हमारा दिमाग भी प्रभावित होता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि एक पचास साल के मोटे आदमी का वाइट मैटर, 60 साल के सामान्य आदमी जितना होता है.
हमारे दिमाग में मौजूद वाइट मैटर, सेंसटिव टिशू होते हैं जो सूचनाओं को दिमाग के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक ले जाने को काम करते हैं. हमारे दिमाग में मौजूद ये वाइट मैटर उम्र के साथ संकुचित होता जाता है.
Department of Psychiatry के प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख पॉल फ्लेचर के मुताबिक, उम्र के साथ हमारा दिमाग सिकुड़ने लगता है. लेकिन दिमाग के संकुचन पर मोटापे का भी असर होता है. मोटापा भी दिमाग के सिकुड़ने को प्रभावित करता है. इसके अलावा मोटापा कैंसर, डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का भी कारण हो सकता है.
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने ये जानने की कोशिश की कि मोटापे का हमारे दिमाग पर क्या असर होता है.
इसके लिए उन्होंने 473 लोगों पर अध्ययन किया. इन सभी लोगों की उम्र 20 से 87 के बीच थी. इस अध्ययन को दो भागों में बांटा गया. एक में पतले-दुबले लोगों को रखा गया और दूसरे में ओवर-वेट लोगों को.
शोधकर्ताओं को दोनों किस्म के लोगों के वाइट मैटर में जबरदस्त अंतर देखने को मिला. अध्ययन में पाया गया कि मोटे लोगों का वाइट मैटर तुलनात्मक रूप से ज्यादा तेजी से सिकुड़ता है. इस अध्ययन को न्यूरोबायोलॉजी ऑफ एजिंग में पब्लिश किया गया है.