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इंदौर: 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी, तीन गिरफ्तार

सन् 2000 में सेवानिवृत्त प्राध्यापक चंद्रा पंडित और उनके बेटे कुणाल ने मिलकर एक मकान के प्रथम तल और भूतल की अलग-अलग दो फर्जी रजिस्ट्री बनाई. इसके बाद इन रजिस्ट्रियों के आधार पर दो बैंकों से पांच-पांच लाख रुपये का कर्ज भी ले लिया.

फर्जी रजिस्ट्रियों के जरिए करते थे धोखाधड़ी फर्जी रजिस्ट्रियों के जरिए करते थे धोखाधड़ी
मुकेश कुमार
  • इंदौर,
  • 28 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर में 50 लाख रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में मां-बेटे सहित तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों की पुलिस को चार साल से तलाश थी, जो फर्जी रजिस्ट्रियों के जरिए धोखाधड़ी करके बैंकों को चूना लगाते थे.

जानकारी के मुताबिक, सन् 2000 में सेवानिवृत्त प्राध्यापक चंद्रा पंडित और उनके बेटे कुणाल ने मिलकर एक मकान के प्रथम तल और भूतल की अलग-अलग दो फर्जी रजिस्ट्री बनाई. इसके बाद इन रजिस्ट्रियों के आधार पर दो बैंकों से पांच-पांच लाख रुपये का कर्ज भी ले लिया.

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पुलिस के मुताबिक, मां-बेटे ने राजीव शर्मा जो पेशे से प्रॉपर्टी कारोबारी हैं, उनके साथ मिलकर एक मकान की चार फर्जी रजिस्ट्री बनाकर फर्जी हस्ताक्षर कर गवाहों के सहारे अलग-अलग बैंकों से 50 लाख रुपये का कर्ज ले लिया, लेकिन बैंक को रकम नहीं चुकाई.

थाना प्रभारी ओमकार सिंह भदौरिया ने बताया कि इस धोखधड़ी के खिलाफ बैंकों ने अदालत में शिकायत की, जिसके बाद इनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ. इसके बाद मां-बेटे मुंबई में जाकर रहने लगे. पुलिस ने रविवार को मुंबई जाकर उन्हें गिरफ्तार किया है.

 

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