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RSS का महासमागम, आयोजन के जरिए मोदी सरकार की वापसी के रोडमैप की तैयारी?

इससे पहले मथुरा में भी संघ एक महा समागम कर चुका है लेकिन वहां केवल संघ के पदाधिकारियों और बीजेपी से जुड़े बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया था लेकिन मेरठ के समागम में आम स्वयंसेवक भी शामिल होंगे.

फाइल फोटो फाइल फोटो
अजीत तिवारी/हिमांशु मिश्रा/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 25 फरवरी को मेरठ में महा समागम का आयोजन करने जा रहा है. ‘राष्ट्रोदय’ नाम से आयोजित होने वाले आरएसएस कार्यकर्ताओं के इस जमावड़े के बारे में दावा किया जा रहा है कि ये देश में अब तक का सबसे बड़ा समागम होगा और वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करेगा. इस कार्यक्रम में करीब तीन लाख स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे. आरएसएस का कहना है कि ये आयोजन संघ की विचारधारा और संगठन के विस्तार कार्यक्रम का हिस्सा है. हालांकि सूत्रों की मानें तो इस समागम के जरिए आरएसएस केंद्र में मोदी सरकार की वापसी के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है.

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इससे पहले मथुरा में भी संघ एक महा समागम कर चुका है लेकिन वहां केवल संघ के पदाधिकारियों और बीजेपी से जुड़े बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया था लेकिन मेरठ के समागम में आम स्वयंसेवक भी शामिल होंगे.

समागम में संघ के शीर्ष से नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों की भागीदारी रहेगी. यानि राष्ट्रीय स्तर से लेकर शाखा स्तर तक के स्वयंसेवकों का समामग से जुड़ाव रहेगा. 25 फरवरी को शाम 3 बजे से 5 बजे के बीच सरसंघ चालक मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.

समागम की तैयारी नवंबर माह से शुरू कर दी गई थी. जाहिर है कि इस विशाल बैठक से एक बड़ा राजनीतिक संदेश जनता और राजनीतिक गलियारों में जाना तय है. हालांकि इस आयोजन को राजनीति से जोड़कर देखने की बात से संघ मना कर रहा है. इतना साफ है कि मोदी सरकार की वापसी की तैयारी के लिए यह बैठक दिशा तय करेगी. समागम का एक और लाभ ये होगा इसमें शामिल होने वाले स्वयंसेवको का एक बड़ा डेटा बेस संघ के पास तैयार हो जाएगा, जिसका चुनावों के दौरान बीजेपी को लाभ मिलेगा.

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गौरतलब है कि इस बैठक में तीन लाख स्वयंसेवकों के हिस्सा लेने के साथ उनके खाने की व्यवस्था के लिए तीन लाख परिवारों की नुमाइंदगी को और जोड़ा जाएगा. संघ की ओर से एक खास संदेश दिया जाएगा. इस बैठक में अधिकतर नौजवानों और किसानों को जोड़ने का मकसद है. हालांकि समागम में डॉक्टर, शिक्षक, वकील, व्यापारी, छात्र भी भी बड़ी तादाद में होंगे. समागम में शिरकत के लिए रजिस्ट्रेशन कराए गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों से 2,18,214 रजिस्ट्रेशन हुए हैं. वहीं शहरी क्षेत्र से 93,365 स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे.

समागम में इतनी बड़ी संख्या में आने वाले स्वयंसेवकों के लिए खाने की व्यवस्था करना भी टेढ़ी खीर है. इसके लिए संघ ने 3 लाख घरों से भोजन लिया जाएगा. इस काम का समन्वय क्षेत्रीय शाखाओं पर रहेगा. इन शाखाओं को चलाने वाले खाने की व्यवस्था अपने क्षेत्र से करेंगे. संघ का मानना है कि इस तरीके से 3 लाख घरों से संघ का जुड़ाव रहेगा.

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