
निर्भया केस के आरोपी विनय शर्मा के आत्यहत्या की कोशिश के बाद तिहाड़ जेल एक बार फिर चर्चा में है. देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में कैदियों के रहने के एक मामले में जेल से संबंधित हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं. यहां की जेलों मे बंद कैदियों की संख्या जेल की क्षमता से कहीं ज्यादा है.
तिहाड़ जेल में कैदियों की संख्या अधिक होने के चलते एक कैदी की जगह पर तीन कैदियों को रखा जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, तिहाड़ के जेल नंबर एक की क्षमता 565 कैदियों की है, जबकि वर्तमान में 863 कैदी इस जेल में बंद हैं. ठीक उसी तरह जेल नंबर दो में 455 की तुलना में 827 कैदियों को रखा गया हैं.
यही हालत तिहाड़ की बाकी की जेलों में भी है. जेल नंबर तीन में 740 के मुकाबले 1999 कैदियों को रखा गया है. तो वहीं जेल नंबर चार की संख्या ने सभी को पछाड़ दिया है. जेल नंबर चार में 740 कैदियों के मुकाबले 2471 कैदी रहने को मजबूर हैं.
पांच नंबर जेल में केवल 750 कैदियों की ही व्यवस्था है, जबकि यहां 860 कैदियों को रखा गया हैं. जेल नंबर छह में 400 की बजाय 615 कैदी और जेल नंबर सात में 350 की तुलना में 860 कैदी हैं. जेल नंबर आठ और नौ की हालत भी कुछ इसी तरह है. इन दोनों जेलों की क्षमता 1200 कैदियों की है, जबकि मौजूदा समय में यहां 2155 कैदियों को ठहराया गया हैं.
जेल नंबर 10 में 1050 कैदियों की तुलना में 1900 कैदी बंद हैं. हर दिन जेल से करीब 1100 अंडरट्रॉयल कैदियों को सुनवाई के लिए कोर्ट में लाया जाता है. जेल में बंदियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से उन्हें बेहद ही नरकीय हालत में रहना पड़ता है. जहां पर एक कैदी को रहने की जगह दी जाती है, वहां तीन-तीन कैदी रहने को मजबूर हैं.
बताते चलें कि तिहाड़ जेल में कई खतरनाक अपराधी बंद हैं. कैदियों में मनचलों की संख्या में अचानक से इजाफा हुआ है. 2012 में छेड़खानी के मामले में महज 12 बंदी तिहाड़ पहुंचे थे. वहीं अगले साल यानी 2013 में छेड़खानी के मामलों में जेल पहुंचने वाले आरोपियों की संख्या 100 के पार पहुंच गई.
इन मनचलों में 19 साल से लेकर 65 साल तक के लोग हैं. यानी लड़कियों के साथ छेड़खानी करने में बुजुर्ग भी पीछे नहीं हैं. तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि जेल में कई कैदी काफी बुजुर्ग है, जो अक्सर बीमार रहते हैं. जेल प्रशासन चाहता है कि इनके मामले में जल्द सुनवाई हो ताकि ये सभी बेहतर इलाज करवा सकें.