
इंदौर के नौलखा क्षेत्र में स्थित कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (कमला नेहरू चिड़ियाघर) से सोमवार को बाघिन जमुना अपने बाड़े से बाहर आ गई. इससे चिड़ियाघर में हड़कंप मच गया. हालांकि, गार्ड और चिड़ियाघर के स्टाफ ने काफी मशक्कत के बाद बाघिन जमुना को पकड़ लिया और बाड़े में डाल दिया.
ये घटना आज सुबह 11:30 बजे की है. पिछली बार की तरह इस बार भी बाघिन करीब 18 फीट गड्ढे को फांदकर, 12 फीट ऊंची दीवार को फांदकर बाड़े से बाहर आ गई. लेकिन सोमवार को चिड़ियाघर के बंद होने से दर्शक बाघिन का शिकार होने से बच गए.
इसके पहले बाघिन जमुना बीते 27 नवंबर को अपने बाड़े से बाहर आ गई थी. उसके हमले से 6 लोग घायल हो गए थे. कई लोगों ने तो टॉयलेट और गाड़ियों की डिग्गी में छिपकर अपनी जान बचाई. इस दौरान कई दर्शक चिड़ियाघर में स्थित जानवरों के अस्पताल में भी छिपे थे, जिन्हें पुलिस की गाड़ियों से बाहर लाया गया था.
27 नवंबर को रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में लोग चिड़ियाघर पहुंचे थे. कुछ बच्चे बाघिन के बाड़े के पास खड़े होकर बाघिन की चहल-कदमी देख रहे थे. चिड़ियाघर के अधिकारियों की मानें, तो बाड़े में मौजूद बाघिन जमुना पर कुछ बच्चों ने पानी से भरे बैलून फेंके थे, इससे वह गुस्से में आ गई थी.
सोमवार को चिड़ियाघर बंद रहता है, ऐसे में आज कोई दर्शक नहीं थे. बाघिन को क्यों गुस्सा आया होगा और वह क्यों बाड़े से बाहर क्यों आई. इस बारे में चिड़ियाघर के अधिकारी भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं. हालांकि, वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट का कहना है कि बाघिन की प्रकृति पिंजड़े में बंद रहने की नहीं होती. हो सकता है कि ये बाघिन भी जंगल में जाना चाहती हो.