
भारत और चीन के बीच जारी तनातनी का बड़ा असर अब दिखाई पड़ रहा है. सोमवार को भारत सरकार ने देश में इस्तेमाल हो रहीं 59 चीनी मोबाइल ऐप पर रोक लगा दी, भारत के युवाओं में इन ऐप का क्रेज था और डिजिटल मार्केट पर बड़ा कब्जा था. इस बीच इसको लेकर अब कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत विपक्ष के कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इस ऐप की टाइमिंग और चिन्हित ऐप पर सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सोमवार को अपने ट्वीट में कहा कि रविशंकर प्रसाद जी, क्या आपने चीनी ऐप बैन पर पूरा विचार किया? ऐसे में दो सवाल हैं कि जो लोग VPN से बैन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका क्या? और दूसरा लाखों फोन में जो ऐप अभी भी हैं, उनका क्या? क्या वो किसी तरह का खतरा नहीं हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि ये प्रतीकात्मक बैन ज्यादा है.
इसके अलावा मनीष तिवारी ने लिखा कि चीनी ऐप को बैन करने का फैसला तो सही है, लेकिन पीएम केअर्स ने भी तो चीनी कंपनियों से पैसा लिया है, उनका क्या? क्योंकि चीन की हर ऐप में उसका खुफिया तंत्र का हाथ होता है. साथ ही कांग्रेस सांसद ने पूछा कि अलीबाबा इस लिस्ट में क्यों नहीं है, क्या इसलिए क्योंकि आपका पेटीएम से कनेक्शन है? क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि दूसरी चीनी ऐप किसी तरह का खतरा नहीं हैं.
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सिर्फ मनीष तिवारी ही नहीं बल्कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस फैसले पर कुछ सवाल किए. हेमंत सोरेन ने कहा कि चाइनीज़ ऐप का असर और प्रभाव भारत में गलत था, सरकार ने इन पर बैन लगाने में देरी कर दी. सोरेन ने कहा कि चीनी ऐप ने जितना संक्रमण फैलाना था, वो फैला दिया है.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात को आदेश जारी करते हुए टिकटॉक, यूसी ब्राउज़र समेत कुल 59 चीनी ऐप पर बैन लगाया है. आरोप है कि इन ऐप के जरिए डाटा चोरी किया जा रहा था. देर रात को ही ये ऐप गूगल प्ले स्टोर से गायब हो गई हैं.