Advertisement

शाहिद की कबीर सिंह को फॉलो करता था शख्स, पहले लड़की को मारा फिर किया सुसाइड

टिकटॉक पर फिल्म कबीर सिंह के लीड रोल कबीर को फॉलो करने वाले एक शख्स ने एक लड़की को इसलिए मार दिया क्योंकि वो किसी और से शादी करने जा रही थी. बाद में शख्स ने खुद भी सुसाइड कर लिया.

शाहिद कपूर शाहिद कपूर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST

जब शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह रिलीज हुई थी तो उस दौरान उनके रोल को लेकर कई सारी बातें चलने लगीं थीं. कई गुटों को इस रोल से आपत्ति थी और लोगों ने फिल्म को बैन करने ती मांग की थी. फिल्म में काफी वॉयलेंस दिखाया गया था. साथ ही नशा करने और महिलाओं की रिस्पेक्ट ना करने वाले एक गुस्सैल इंसान को हीरो के रूप में दिखाया गया था. लोगों का मानना ये था कि युवा कबीर सिंह से इंप्रेस होंगे और उनकी तरह व्यवहार करना सीखेंगे. हाल-फिलहाल में ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिल रहा है. टिकटॉक पर फिल्म कबीर सिंह के लीड रोल कबीर को फॉलो करने वाले एक शख्स पर कत्ल का इल्जाम लगा है. शख्स ने खुद भी बाद में सुसाइड कर लिया है.

Advertisement

उत्तरप्रदेश के रहने वाले टिक टॉक स्टार जॉनी दादा का असली नाम अश्वनि कुमार है और उन्हें टिक टॉक विलेन के रूप में जाना जाता है. अश्वनि, शाहिद कपूर के रोल कबीर सिंह से काफी प्रेरित थे. उनके ऊपर हाल ही में निकिता शर्मा नाम की एक फ्लाइट अटेंडेंट को जान से मारने का आरोप लगा है. दरअसल जॉनी दादा को निकिता पसंद थी. मगर जब उसे पता चला कि महिला की इस साल दिसंबर में शादी होने जा रही है तो उससे रहा नहीं गया और उसने गुस्से में लड़की की जान ले ली.

मगर हैरतअंगेज बात तो ये है कि जॉनी दादा के लिए कत्ल करना कोई नई बात नहीं थी. जब पुलिस ने जॉनी दादा के बारे में डिटेल्स में जाना तो उन्हें पता चला कि उनके ऊपर कत्ल के और भी आरोप लग चुके हैं. टिकटॉक पर जॉनी दादा ने बहुत ज्यादा गुस्सा करने वाले शख्स की इमेज बनाई थी. खुद जॉनी दादा ने भी एक हफ्ते पहले सुसाइड कर लिया है. पुलिस ने कुछ वीडियोज भी ढूंढ़ निकाले जिसमें जॉनी दादा, कबीर सिंह के डायलॉग्स बोलते नजर आ रहे हैं. एक वीडियो में वे कहते हैं- जो मेरा नहीं हो सकता उसे किसी और के होने का मौका नहीं दूंगा.

Advertisement

डायरेक्टर संदीप रेड्डी की ऐसी है प्रतिक्रिया

इस मामले पर खुद कबीर सिंह के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने कहा- मैं लड़की और उसके परिवार के बारे में सोच कर दुखी हूं. ये बेहद दुखद है कि ऐसे मामलों में लोगों को जान गवांनी पड़ जाती है. एक निर्देशक को फिल्म बनाते समय ऐसे संवेदनशील बातों का ध्यान रखना चाहिए. मेरी किसी भी फिल्म ने ऐसा नहीं किया. चाहें वो कबीर सिंह हो या फिर अर्जुन रेड्डी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement