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जेईई (एडवांस) को पहले आइआइटी-जेईई के नाम से जाना जाता था. यह सालाना कॉलेज एंट्रेंस एग्जामिनेशन है जो आइआइटी में दाखिले के लिए होता है. कहा जाता है कि यह दुनिया के सबसे मुश्किल इंजीनियङ्क्षरग एंट्रेंज एग्जाम्स में से है. लगभग डेढ़ लाख स्टुडेंट्स जेईई (मेन) पास करके जेईई (एडवांस) के लिए क्वालिफाइ हैं. यह एग्जाम 25 मई को होना है. सिलेबस इस समय तक खत्म हो चुका होगा. एग्जाम से पहले के लिए कामयाबी के टिप्स:
जेईई (एडवांस्ड) मैथेमेटिक्स के लिए टिप्स:
1) पहले के जी पेपर्स के मुताबिक प्रोबेबिलिटी या इनडेफिनेट इंटीग्रेशन के मुकाबले वेक्टर और थ्री डी जैसे टॉपिक पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत थी. एक और चैप्टर कॉम्प्लेक्स नंबर है. हर साल इस चैप्टर से 2-3 सवाल जरूर पूछे जाते हैं. इसलिए कॉम्प्लेक्स नंबर, वेक्टर, थ्री डी और डेफिनिट इंटीग्रल में महारत हासिल करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
2) अगर आप में फंक्शंस को ग्राफ के रूप में प्रस्तुत करने की क्षमता है तो एल्जेब्रा आपके लिए आसान हो सकता है.
3) डिफरेंशिअल कैल्कुलस का इक्वेशन से गहरा संबंध है. खास तौर पर अगर आप रोल्स ऐंड लैगरेंज थिओरम्स का प्रयोग करें.
4) कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री में सवालों को हल करने के लिए कॉम्प्लेक्स नंबर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. ट्रिग्नोमेट्रिक सवालों के लिए डी मोवरे थ्योरम के एप्लीकेशन की जरूरत होती है.
5) एलजेब्रा में परम्यूटेशन—कॉम्बिनेशन और प्रोबेबिलिटी दूसरे बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक हैं. आपको बेयस थ्योरम, डिरेंजमेंट और डिस्ट्रिब्यूशन के अलग-अलग तरीकों में माहिर होना चाहिए. इनकी जरूरत वहां होती है.
6) कुछ ट्रिक्स के इस्तेमाल और इंटीग्रल फंक्शंस की कुछ बुनियादी विविधता को ध्यान में रखते हुए इंटीग्रल कैल्कुलस को आसान बनाया जा सकता है. प्रॉपर्टी को याद रखने और उनके समझ्दारी भरे इस्तेमाल से समय की काफी बचत होती है.
7) ज्योमेट्री को समझ्ने के लिए कोनिक ज्योमेट्री के पैरामेट्रिक रूप की प्रैक्टिकल जानकारी और समझ बहुत जरूरी है.
8) अंतत: मैथेमेटिक्स में अच्छा प्रदर्शन करने का एकमात्र तरीका यह है कि पिछले सालों में जेईई के पेपर में पूछे गए सवालों को ध्यान में रखते हुए समस्याओं को सुलझया जाए.
जेईई (एडवांस्ड) केमेस्ट्री के लिए टिप्स:
1) कॉन्सेप्ट बिलकुल स्पष्ट हो. एप्लीकेशन स्किल्स और दिए गए सिलेबस के बारे में जानकारी पर फोकस होना चाहिए.
2) अपनी गति बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी न्यूमेरिकल को रोज हल करें. कुछ बुनियादी टॉपिक जैसे मोल कॉन्सेप्ट, केमिकल इक्विलिब्रियम और इलेक्ट्रो केमिस्ट्री पर विशेष ध्यान दें.
3) ऑर्गेनिक केमिस्ट्री को लेकर बहुत सावधान और संयम रखना जरूरी है. स्टीरियो केमिस्ट्री, जीओसी (जनरल ऑर्गेनिक केमिस्ट्री) और फंक्शनल ग्रुप एनालिसिस पर खास ध्यान दें.
4) ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पूछे जाने वाले अधिकतर सवाल अवधारणात्मक यानी कॉन्सेप्चुअल होते हैं. इन सवालों का संबंध संरचना, प्रक्रिया और प्रयोग से होता है. केमिकल बॉन्डिंग और को-ऑर्डिनेशन केमिस्ट्री पर विशेष रूप से ध्यान दें.
जेईई (एडवांस्ड) फिजिक्स के लिए टिप्स:
1) फिजिक्स में मकेनिक्स ऐसा टॉपिक है, जिसे ज्यादातर विशेषज्ञ स्कोङ्क्षरग या नंबर दिलाने वाला नहीं मानते हैं. लेकिन इससे जुड़ा हुआ एक पक्ष यह भी है कि अंक के लिहाज से यही वह टॉपिक है, जिसमें जेईई के पेपर में सबसे ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं. इसलिए इस टॉपिक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
2) लेकिन बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए दूसरे अंक दिलाने वाले विषयों जैसे ऑप्टिक्स, इलेक्ट्रिसिटी और मैग्नेटिज्म आदि पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
3) काइनमेटिक्स और पार्टिकल डायनेमिक्स मकेनिक्स के बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक हैं. जेईई के पेपर में इससे जुड़े सवाल हमेशा पूछे जाते हैं.
4) जेईई के पुराने पेपरों में जितने सवाल पूछे गए थे, उनके लिहाज से देखें तो मकेनिक्स, इलेक्ट्रिसिटी और मैग्नेटिज्म सबसे अहम टॉपिक लगते हैं.
5) मेजरमेंट ऐंड एरर्स थर्मोडायनेमिक्सफिजिक्स और केमेस्ट्री दोनों के लिहाज से थर्मोडायनेमिक्स बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए उस पर विशेष तौर पर ध्यान दें.
6) ऑप्टिक्स के अंतर्गत वेव ऑप्टिक्स को पहले पढऩा समझ्दारी भरा कदम होगा. इसकी वजह यह है कि रे ऑप्टिक्स के मुकाबले यह हिस्सा छोटा है. इसलिए इसे जल्दी से पढ़ा जा सकेगा.
जेईई (एडवांस्ड) क्रैक करने के सामान्य टिप्स:
1) तैयारी और एग्जाम के समय एकाग्रता बनाए रखें और सकारात्मक ढंग से सोचें.
2) अपनी स्पीड बढ़ाएं. किसी प्रतिष्ठित मॉक टेस्ट सीरीज की मदद लें, ताकि आप में एग्जाम में सफलता हासिल करने का जज्बा पैदा हो. पिछले साल के आइआइटी-जेईई के पेपर हल करें. जिस टॉपिक में कमजोर हैं, उस पर खास ध्यान दें और अपने कॉन्सेप्ट को विकसित करें.
3) जेईई के स्तर के सवालों के साथ अभ्यास करना बहुत जरूरी है. इससे आपकी तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता में इजाफा होता है.
4) याद रखें कि सिर्फ खर्च किए गए समय की मात्रा ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता भी बहुत मायने रखती है. इसलिए प्रत्येक 1-2 घंटे की पढ़ाई के बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक लें. ब्रेक के दौरान रिलैक्स रहें. अपने भीतर शांति, स्थिरता, आत्मविश्वास और एकाग्रता की ताकत को बढ़ाने के लिए योग करें.
5) अपने ऊपर ज्यादा बोझ् न डालें. हर दिन 5 से 6 घंटे की नींद बहुत जरूरी है. खास तौर पर आइआइटी-जेईई की परीक्षा के लिए 3-4 दिन पहले खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर बिलकुल स्वस्थ रखें. काम के बीच में हल्की-सी झ्पकी ले लेने से ताजगी बनी रहती है. साथ ही दिन के समय ज्यादा देर सोने से बचें.
6) अंत में, अगर आपको पेपर बहुत मुश्किल लगता है तो परेशान या चिंतित न हों क्योंकि हमेशा सापेक्षिक प्रदर्शन ही मायने रखता है. काम में अपनी सर्वश्रेष्ठ विश्लेषणात्मक शक्ति का इस्तेमाल करें और अपनी तैयारी में पूरा भरोसा रखें.
(लेखक फिटजी के एक्सपर्ट हैं.)