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मोदी की स्कीम में 7.5 टन सोना लगाएगा तिरुपति मंदिर

टीटीडी ने हाल ही में कहा कि उसने इस योजना के तहत 1.3 टन सोना पंजाब नेशनल बैंक में जमा किया और सरकार से नियमों में बदलाव करने का अनुरोध किया है. ताकि वह अपने पास मौजूद संपूर्ण सोना इस योजना के तहत ला सके.

तिरुपति मंदिर तिरुपति मंदिर
सना जैदी/BHASHA
  • हैदराबाद,
  • 30 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 12:16 AM IST

विश्व के सबसे समृद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी की देखरेख कर रहा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) अपना संपूर्ण 7.5 लाख टन सोना, स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (जीएमएस) के तहत ला सकता है. यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल शुरू की थी.

टीटीडी ने हाल ही में कहा कि उसने इस योजना के तहत 1.3 टन सोना पंजाब नेशनल बैंक में जमा किया और सरकार से नियमों में बदलाव करने का अनुरोध किया है. ताकि वह अपने पास मौजूद संपूर्ण सोना इस योजना के तहत ला सके.

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टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी डी. संबाशिव राव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हमारे पास करीब 7.5 टन सोना है. इसमें से ज्यादातर बैंकों में है. टीटीडी का सोना विभिन्न स्कीमों के तहत विभिन्न बैंकों में रखा है. इन स्कीमों के परिपक्व होने पर संपूर्ण सोने को स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के तहत जमा किया जा सकता है.' इस योजना में तीन मुख्य घटक- अल्पावधि, मध्यम अवधि व दीर्घावधि हैं. अल्पावधि योजना के तहत ब्याज को भी सोने में तब्दील कर दिया जाता है. इसका भुगतान निवेशक को किया जाता है.

मध्यम अवधि और दीर्घावधि में मूलधन का भुगतान सोने या नकदी में किया जाता है, जबकि ढाई प्रतिशत ब्याज का भुगतान केवल नकद में किया जाएगा. टीटीडी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने सरकार से ब्याज का भुगतान सोने में करने का अनुरोध किया है.

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