
तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प मामले में उत्तरी जिले के एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह के पीएसओ की सरकारी पिस्टल लूट ली गई है. वकीलों के हमले के दौरान पीएसओ अमित कुमार की 9 एमएम की पिस्टल लूटी गई है. पुलिस का दावा है कि वकीलों के साथ झड़प में उनके कान का पर्दा भी फट गया है. अमित कुमार ने इस बात की शिकायत भी दी थी. क्राइम ब्रांच की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
बता दें कि मंगलवार अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतरे पुलिस जवानों ने करीब 10 घंटे बाद धरना समाप्त किया था. हंगामे वाले दिन दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जवान जुट गए थे और रात करीब 8 बजे तक अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे. आखिरकार पुलिस के आला अफसरों को जवानों की कई मांगों को मानना ही पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
दिल्ली के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वकीलों और पुलिस के बीच चल रही झड़पों की रिपोर्टिंग से मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. वकीलों का कहना है कि मीडिया उन्हें बदनाम कर रहा है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को कहा कि वकील हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करे.
क्यों भिड़े थे पुलिस-वकील?
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकील भिड़ गए थे. दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. जिसके बाद वकीलों ने पुलिस जीप समेत कई वाहनों को आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी. आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप में जब एक वकील को पुलिस जवानों ने अंदर जाने से रोका था. उसी के बाद कहासुनी बढ़ गई थी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे.