
पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली को इजाजत दे दी है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. टीएमसी सांसद का यह ट्वीट बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि ममता सरकार रैली की इजाजत दे या न दे, लेकिन वो पश्चिम बंगाल का दौरा जरूर करेंगे. अगर ममता बनर्जी को उनको गिरफ्तार करना है, तो वो कर सकती हैं.
दरअसल, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के मुद्दे को लेकर मचे बवाल के बीच अमित शाह 11 अगस्त को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. शाह वहां रैली को भी संबोधित करेंगे. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी NRC का विरोध कर रही हैं. इसकी वजह यह है कि इस सूची में 40 लाख लोगों का नाम नहीं है. इनमें से अधिकतर लोग बांग्लादेशी बताए जा रहे हैं.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, 'बीजेपी और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नर्वस और तनाव में हैं. तीन अगस्त को होने वाले उनके कार्यक्रम को फौरन इजाजत दे दी गई थी. अब 11 अगस्त के कार्यक्रम के लिए सिर्फ एक खत भेजा गया और अनुमति दे दी गई. शांति और सौहार्द की धरती पर यात्रा मंगलमय हो. बंगला प्रेम.....आपका पड़ोसी.'
वहीं, डेरेक ओ ब्रायन पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह नर्वस नहीं है, बल्कि टीएमसी नर्वस है. बीजेपी को मिल रहे समर्थन से टीएमसी डर गई है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ममता सरकार ने रैली की इजाजत देकर कोई एहसान नहीं किया है. ऐसा लोकतंत्र में देने की बाध्यता है.
मालूम हो कि तीन अगस्त को कोलकाता में बीजेपी की रैली है. इसके बाद 11 अगस्त को अमित शाह की रैली है. बीजेपी युवा मोर्चा का दावा है कि वो दो लाख लोगों को अमित शाह का संदेश सुनने के लिए इकट्ठा करेगा. अमित शाह पहले तीन अगस्त को आने वाले थे, लेकिन बाद में बदलाव करके 11 अगस्त को कार्यक्रम फिक्स किया गया है. शाह की रैली के लिए बीजेपी युवा मोर्चा को दो लाख लोगों को एकत्रित करने का लक्ष्य दिया गया है. बीजेपी अमित शाह का मिशन बंगाल के लिए इस रैली के जरिए माहौल बनाना चाहते हैं.
गृहयुद्ध वाले बयान पर हुआ बवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) में करीब 40 लाख लोगों के नाम न होने को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो जाएगी.
इसके अलावा ममता ने इस मुद्दे को एक वैश्विक मुद्दा बताया है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया. ममता ने कहा, 'हम ऐसा नहीं होने देंगे. बीजेपी लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जाएगी, खूनखराबा होगा.
BJP के लिए अमित शाह ने संभाला मोर्चा
मंगलवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को निशाने पर लिया. पहले राज्यसभा और उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह ने विपक्ष से पूछा कि वह आखिर घुसपैठियों का साथ क्यों दे रहे हैं. राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के सारे नेताओं को मैंने ध्यान से सुना, मैं पूरी बात सुन रहा था कि किसी ने ये नहीं बताया कि NRC क्यों आया.
उन्होंने कहा कि असम में इसको लेकर बड़ा आंदोलन हुआ, कई लोगों ने अपनी जान गंवाई. जिसके बाद 14 अगस्त, 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौता किया. शाह ने कहा कि इस समझौते का मूल ही NRC था. इसमें कहा गया है कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर NRC बनाया जाएगा, ये आपके ही प्रधानमंत्री लाए थे, लेकिन आपमें इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी, हमारे में हिम्मत है और हम कर रहे हैं.