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मोदी को मात देने के लिए गुजरात में भी बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाने की तैयारी में कांग्रेस

राहुल गांधी राहुल गांधी
दिनेश अग्रहरि/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

नरेंद्र मोदी और बीजेपी को मात देने के लिए गुजरात में भी महागठबंधन बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाने के लिए जेडीयू (वासव गुट), हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर, जिग्नेश मेवानी गुजरात कांग्रेस के नेताओं के साथ बातचीत में लगे हैं.

गुजरात चुनाव बीजेपी के साथ ही पीएम मोदी के लिए भी बहत मायने रखता है. गुजरात पीएम मोदी का गृह राज्य तो है ही, इसी गुजरात के विकास मॉडल को प्रचारित कर बीजेपी ने पूरे देश में अपना विस्तार किया है. अब गुजरात में बीजेपी को होने वाला किसी तरह का नुकसान पीएम मोदी के इमेज से सीधे जोड़ जाएगा. इसीलिए गुजरात में कांग्रेस सहित सभी पक्ष बीजेपी को कमजोर करने के लिए हर रणनीति अपना रहे हैं.

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गुजरात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने आजतक को बताया, 'हां, बातचीत चल रही है और हम देख रहे हैं कि किस तरह से गठबंधन बन सकता है. इसका निश्चित रूप से सीटों के बंटवारे पर भी असर होगा.'

जेडीयू नेता छोटूभाई वासव फिलहाल गुजरात में ही हैं और वह सीट साझेदारी के लिए कोई फॉर्मूला बनाने के लिए कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और भरत भाई सोलंकी से मुलाकात करेंगे. जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव दिल्ली में बैठकर ही पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं.

सूत्रों के अनुसार गहलोत और सोलंकी महागठबंधन बनाने की तैयारी में लगे हैं और राहुल गांधी के अगले गुजरात दौरे के समय इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. राहुल नवंबर के पहले हफ्ते में दक्षिण गुजरात के दौरे पर जाने वाले हैं. गौरतलब है कि राहुल के पिछले दौरों के दौरान उनकी जनसभाओं में बड़ी संख्या में पाटीदार, दलित और ओबीसी समुदाय के लोग जुटे थे.

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गुजरात का सियासी तापमान काफी गर्म है. बीजेपी अपनी सत्ता बचाने को बेचैन है, तो वहीं कांग्रेस सत्ता के वनवास को तोड़ने की जद्दोजहद कर रही है. पिछले तीन चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को एकतरफा जीत मिली लेकिन इस बार मोदी गुजरात से बाहर हैं और देश के प्रधानमंत्री हैं. पिछले चुनावों में विपक्षी कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले तकरीबन आधी सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. लेकिन इस बार सत्तारूढ़ पार्टी के लिए राह पहले की तरह आसान नहीं है, बल्कि चुनौतियों का अंबार है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दुर्ग को बचाने के लिए खुद ही रणभूमि में उतर चुके हैं.

तीन युवा आंदोलनकारी बने चुनौती

गुजरात के तीन युवा आंदोलनकारी हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए हैं. ये तीनों युवा बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. यही वजह है कि राज्य की मौजूदा सरकार के खिलाफ पटेल, दलित और अल्पसंख्यक एकजुट हो सकते हैं. ये तीनों एक साथ आते हैं तो बीजेपी के लिए जीतना टेढ़ी खीर होगा. मौजूदा समय में तीनों बीजेपी से नाराज माने जा रहे हैं.

पटेल की जीत से कांग्रेस का बढ़ा मनोबल

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गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेसी नेता अहमद पटेल की जीत से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है, तो वहीं बीजेपी का मनोबल टूटा. दरअसल कांग्रेस को घेरने के लिए बीजेपी ने सूबे की तीन राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. कई कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा तो कई ने क्रॉस वोटिंग की. इसके बावजूद अहमद पटेल राज्यसभा का चुनाव जीतने में सफल रहे हैं.

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